लखनऊ। महिला अपराधों के खिलाफ सीएम योगी आदित्यनाथ सरकार ने सख्त रूख अख्तियार किया है। यूपी पुलिस को महिला अपराधों पर सख्त कार्रवाई के निर्देश लगातार मिलते भी रहे हैं। पर सीएम के निर्देशों का असर पुलिसिया कार्यप्रणाली में नहीं दिख रहा है। मौजूदा वाकया यही बयां कर रहा है। एक पिता अपनी अपहृत बेटी की सकुशल घर वापसी के लिए पिछले दस दिनों से पुलिस अफसरों और थानों के चक्कर लगा रहा है। पर उसकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है। पिता पर पुलिस की चुप्पी भारी पड़ रही है। अब पीड़ित पिता ने अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी से न्याय के बाबत दरख्वास्त की है।
गोमतीनगर के भरवारा निवासी एक पिता ने एक अक्टूबर को गोमतीनगर विस्तार थाने में शिकायत दर्ज कराई थी कि उनकी विवाहिता बेटी का घर के बाहर से अपहरण हो गया है। घटना के बाद उन्होंने 112 नम्बर पर डायल करके पुलिस को इसकी सूचना भी दी, थाने भी गए। पर उनकी रिपोर्ट नहीं लिखी गई। पिता का कहना है कि पुलिस वालों ने उनसे कहा कि दरख्वास्त में अपहरण की बजाए यह लिख कर लाओ की आपकी विवाहिता बेटी को बहला फुसला कर ले जाया गया है।
न्याय की आस में मजबूर पिता ने पुलिस के मन मुताबिक प्रार्थना पत्र दिया। पुलिस ने उस पर एनसीआर दर्ज भी कर लिया। पर अब तक पूरे मामले में कोई कार्रवाई नहीं हुई है। पीड़ित पिता पिछले दस दिनों से अपनी बेटी की सकुलश वापसी के लिए थाने और चौकी के चक्कर लगा रहे हैं। उनका कहना है कि अब दिन—ब—दिन न्याय की आस धुंधली होती जा रही है। थक हार कर अब उन्होंने अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी को न्याय के बाबत पत्र लिखा है।
पीड़ित पिता का कहना है कि अपहरणकर्ता व्हाटसएप काल करके उन्हें धमकियां दे रहा हैं पर उनकी बेटी से बात नहीं करा रहा है। इससे उन्हें अनहोनी की आशंका है। उनका कहना है कि यदि पुलिस ने जल्द से जल्द कार्रवाई नहीं की तो अपहरणकर्ता उनकी विवाहिता बेटी की हत्या भी कर सकता है।
पीड़ित पिता का कहना है कि उन्होंने पुलिस को अपहरणकर्ता और अपनी बेटी का मोबाइल नम्बर भी दिया है। इसके बावजूद पुलिस उनकी विवाहिता बेटी के बारे में कोई जानकारी नहीं हासिल कर पा रही है।