मुख्तार अंसारी की जेल शिफ्टिंग पर यूपी, पंजाब सरकार की सुप्रीम कोर्ट में लगी निगाहें

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आज हम एक ऐसे बाहुबली की बात करेंगे जिसने जेल में रहते हुए भी दो राज्य की सरकारों के बीच टकराव करा रखा है । यह राज्य हैं पंजाब और उत्तर प्रदेश । यूपी में योगी का शासन है तो पंजाब में कांग्रेस के कैप्टन अमरिंदर सिंह की सरकार है । योगी सरकार इस माफिया डॉन को अपने प्रदेश में लाना चाहती है जबकि पंजाब सरकार इसे सौंपने से इंकार कर रही है ।

mukhtar ansari

मुख्यमंत्री योगी ने इस बाहुबली को पंजाब की जेल से लाने के लिए कई बार यूपी पुलिस को भेजा, लेकिन हर बार पंजाब सरकार ने योगी की पुलिस को बैरंग वापस लौटा दिया था । इसी को लेकर पंजाब अभी यूपी सरकारों के बीच टकराव बना हुआ है । हालांकि अब मामला सुप्रीम कोर्ट में है । आइए आपको बताते हैं यह डॉन कौन है । इसके लिए आपको लिए चलते हैं उत्तर प्रदेश के जनपद मऊ में । हम बात कर रहे हैं मऊ के विधायक मुख्तार अंसारी की ।

प्रदेश में सपा और बसपा की सरकारों में मुख्तार अंसारी की तूती बोलती रही है । 1996 में मुख्तार ने पहली बार राजनीति में कदम रखा और मऊ सीट से विधानसभा का चुनाव जीता। इसके बाद पूर्वांचल में मुख्तार का दबदबा बढ़ता गया। बाहुबली मुख्तार अंसारी मऊ से 5 बार लगातार विधायक चुना गया । उसकी दबंगई का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि वह जेल में रहते हुए भी चुनाव जीतता रहा है ।

अंसारी पर हत्या, हत्या के प्रयास, अपहरण, रंगदारी के लिए धमकी, दंगा भड़काने, धोखाधड़ी करने, सरकारी व निजी संपत्तियों पर कब्जा करने, गैंगस्टर, अवैध वसूली, मकोका, एनएसए, आदि गंभीर आरोपों में मुकदमे कायम किए गए हैं। तीन राज्यों के 10 जनपदों के 21 थानों में 46 मुकदमेे दर्ज हैं ।

बहरहाल गाजीपुर में भाजपा विधायक कृष्णानंद राय की हत्या, मऊ में ठेकेदार अजय प्रकाश सिंह उर्फ मन्ना सिंह दोहरा हत्याकांड, मन्ना हत्याकांड के गवाह रामचंद्र मौर्य और उनके अंगरक्षक सिपाही सतीश के दोहरे हत्याकांड मामलों में अभी उसके विरुद्ध सुनवाई जारी है। अक्टूबर 2005 में मऊ में भड़की हिंसा के बाद मुख्तार ने पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया था, तभी से वो यूपी की जेल में बंद था। लेकिन वर्ष 2017 के बाद उत्तर प्रदेश में योगी सरकार बनने के बाद अंसारी की उल्टी गिनती शुरू हो गई थी ।

योगी सरकार ने मुख्तार अंसारी की गुनाहों की फाइल खोल दी थी । योगी के खौफ के चलते अंसारी नाटकीय रूप से पंजाब की जेल में जाकर बंद हो गया था । तभी से वह पंजाब की रोपड़ जेल में बंद है । पंजाब सरकार के मुख्तार अंसारी को यूपी की जेल में न भेजने पर पिछले दिनों यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।‌

बता दें कि विधायक अंसारी को यूपी जेल में ट्रांसफर करने को लेकर गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई । सर्वोच्च अदालत ने कहा कि योगी सरकार को उन्हें पंजाब से उत्तर प्रदेश जेल में ट्रांसफर करने की मांग करने का कोई ‘मौलिक अधिकार’ नहीं है। आइए जानते हैं आज सुप्रीम कोर्ट में बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी को यूपी की जेल में शिफ्ट को लेकर पंजाब और यूपी सरकार के वकीलों ने क्या-क्या दलीलें दीं ।

अंसारी की शिफ्टिंग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में दोनों सरकारों के वकीलों में खूब हुई जिरह—

सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान पंजाब सरकार के वकील दुष्‍यंत दवे ने कहा कि मुख्तार अंसारी को लेकर जो बातें पंजाब सरकार को लेकर यूपी सरकार ने कही हैं वो निराधार हैं । दुष्यंत ने कहा कि मुख्तार अंसारी पंजाब सरकार के लिए भी अपराधी है लेकिन यूपी सरकार इस मामले में पंजाब सरकार को कठघरे में खड़ा कर रही है ।

डॉक्टर की जो रिपोर्ट है, हमने उस पर बात की है उत्तर प्रदेश सरकार के आरोप निराधार हैं । सुनवाई के दौरान उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से पेश हुए सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने जेल नियमों का हवाला दिया और कहा कि भले ही राज्य के पास मौलिक अधिकार नहीं है, लेकिन वह मुद्दे और पीड़ितों के अधिकारों का समर्थन कर सकता है और पीड़ित की भूमिका ले सकता है।

उन्होंने कहा कि यह कहना कि राज्य के पास मूलभूत अधिकार नहीं हैं, गलत है क्योंकि राज्य हमेशा पीड़ित और समाज की भूमिका का निर्वहन कर सकता है। मेहता ने कहा कि अंसारी ने जेल नियमों का उल्लंघन किया और पीड़ितों के अधिकार और राज्य को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है और आरोपी को निष्पक्ष सुनवाई बाधित करने की अनुमति नहीं दी जा सकती है।

वहीं मुख्तार अंसारी के वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि कोई राज्य अनुच्छेद-32 के तहत दूसरे राज्य के खिलाफ नहीं आ सकता ‍। उन्होंने कहा कि मौलिक अधिकार नागरिक का होता है, राज्य का नहीं । वकील रोहतगी ने कहा कि यूपी सरकार पंजाब में चल रहा मुकदमा अपने पास ट्रांसफर करने की मांग भी नहीं कर सकती ।

पंजाब में जो केस हैं, वह पंजाब सरकार और मेरे बीच का मामला है । यूपी का इसमें कोई रोल नहीं हो सकता। रोहतगी ने कहा कि अंसारी ने कहा है कि यूपी में उसकी जान को खतरा है। सुनवाई के दौरान वकीलों की दलीलें सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है ।  -शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार

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