यूपी विस चुनाव : सपा के साथ गठबंधन करने के लिए AIMIM सांसद ओवैसी ने रखी यह बड़ी शर्त

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लखनऊ। ऑल इण्डिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-ए-मुस्लमीन (AIMIM ) सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने उत्तर प्रदेश में गैर भाजपा सरकार में भागीदारी निभाने के लिए समाजवादी पार्टी के सामने शर्त रखी है की अगर पार्टी यूपी में भागीदारी मोर्चे के किसी वरिष्ठ मुस्लिम एमएलए को उप मुख्यमंत्री बनाने को राजी हो तो उनकी पार्टी आगामी विधानसभा चुनाव में उसके साथ गठबंधन कर सकती है।

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AIMIM के प्रदेश अध्यक्ष शौकत अली ने एक इंटरव्यू में कहा कि भागीदारी संकल्प मोर्चा उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी के साथ मिलकर चुनाव लड़ने को तैयार है लेकिन शर्त यह रहेगी कि प्रदेश में सपा की सरकार बनने पर भागीदारी मोर्चे के किसी वरिष्ठ मुस्लिम विधायक को उप मुख्यमंत्री मोर्चे बनाया जाए। गौरतलब है कि 2022 में होने वाले विधान सभा चुनाव के मद्देनजर ऑल इण्डिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-ए-मुस्लमीन (AIMIM ) सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने हाल ही में मुरादाबाद व आसपस के इलाकों में पार्टी के कार्यकर्ताओं से मुलाकात की और संगठन को मजबूत करते हुए सक्रिय करने की रणनीति पर विचार विमर्श किया था।

अब वह अगस्त की शुरूआती दिनों में प्रयागराज, फतेहपुर, कौशाम्बी और आसपास के अन्य जिलों में भी पार्टी कार्यकर्ताओं से मुलाकात करेंगे। इसके साथ ही वह बुद्धिजीवियों के अलग-अलग समूहों से भी मिलेंगे। इनमें खासतौर पर मुस्लिम, दलित, व पिछड़े वर्ग के वकील, अधिकारी, डाक्टर,इंजीनियर व अन्य प्रेाफेशनल भी शामिल रहेंगे। ऑल इण्डिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-ए-मुस्लमीन के प्रदेश अध्यक्ष शौकत अली ने कहा कि उत्तर प्रदेश में में संगठनात्मक ढांचा खड़ा हो गया है। उन्होंने बताया कि सभी 75 जिलों में जिला अध्यक्ष बना दिये गये है। सभी जिलों में जिला इकाईयां भी गठित हो चुकी हैं।

उन्होंने कहा कि पार्टी उत्तर प्रदेश में इस बार के विधान सभा चुनाव में सौ सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े करने की घोषणा कर चुकी है। बातचीत में पार्टी अध्यक्ष ने कहा कि प्रदेश में अगर भाजपा को रोकना है तो सपा-बसपा के साथ हमारा भागीदारी संकल्प मोर्चा मिलकर चुनाव लड़ने को तैयार हैं। ऐसा करने से मुसलमानों का बीस प्रतिशत वोट बिखरने से बच जाएगा। मोर्चे के संयोजक ओम प्रकाश राजभर पहले ही कह चुके हैं कि अगर उनके मोर्चे की सरकार बनती है तो प्रदेश में हर साल नया मुख्यमंत्री होगा यानि पांच साल के कार्यकाल में प्रदेश में पांच मुख्यमंत्री होंगे।

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