UP News : बिजली घरों के लिए कोयला नहीं खरीदेगा यूपी

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UP News : उत्तर प्रदेश सरकार अब बिजलीघरों के लिए आयातित कोयला नहीं खरीदेगी। यूपी सरकार ने केंद्र सरकार को पत्र भेजकर कहा है कि जुलाई में अगस्त और सितंबर के लिए आयातित कोयला खरीदने की दी गई सहमति को फिलहाल निरस्त माना जाए। यूपी सरकार के इस कदम से यूपी को 1098 करोड़ रुपये की बचत हुई है।

केंद्रीय विद्युत मंत्रालय की ओर से आयातित कोयले की खरीद के बाद पिछले महीने यूपी सरकार ने अगस्त और सितंबर में बिजलीघरों के लिए 5.46 लाख मीट्रिक टन आयातित कोयले की खरीद को मंजूरी देते हुए कोयला मंत्रालय को सहमति भेजी थी।

उधर, राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद और आल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन आयातित कोयले की खरीद से उपभोक्ताओं पर दरों का बोझ बढ़ने की बात कहते हुए इसका विरोध किया था। इस बीच कोयले की उपलब्धता बढ़ने और बिजली घरों में कोयले की मांग में कमी होने की वजह से विद्युत मंत्रालय ने आयातित कोयले की खरीद की अनिवार्यता संबंधी आदेश को वापस ले लिया है।

बढ़ानी पड़ती बिजली दरें

राज्य विद्युत उत्पादन निगम के सूत्रों का कहना है कि यूपी सरकार के इस फैसले से काफी राहत मिली है। अगर आयातित कोयले की खरीद की जाती तो दो महीने में 1098 करोड़ रुपये का अतिरिक्त खर्च भार पड़ने की आशंका थी। हालांकि यूपी सरकार की ओर से इस अतिरिक्त खर्च भार का वहन करने का आश्वासन दिया गया था, लेकिन देर सवेर इसका असर दरों में बढ़ोतरी के रूप में आम उपभोक्ताओं पर भी पड़ सकता था। दरअसल, घरेलू कोयले की कीमत जहां 3000 रुपये मीट्रिक टन है, वहीं आयातित कोयला 20,000 रुपये मीट्रिक टन में खरीदा जाना था।

प्रदेश में कोयले की उपलब्धता की स्थिति बेहतर हो गई है लेकिन बिजली घरों में कोयले की मांग में कमी आई है। इस बीच केंद्रीय विद्युत मंत्रालय ने आयातित कोयले की खरीद की योजना को वापस ले लिया है। इसके मद्देनजर हमने कोयला मंत्रालय को पत्र भेजकर सूचित कर दिया है कि यूपी को आयातित कोयला नहीं चाहिए। पूर्व में भेजी गई सहमति को निरस्त माना जाए। -अवनीश कुमार अवस्थी, अपर मुख्य सचिव, ऊर्जा

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