UP: किरकिरी से बचने के लिए इस मंत्री का योगी मंत्रिमंडल से जाना तय!

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार को लेकर अटकलों का दौर थम नहीं रहा है। मुख्यमंत्री बदले जाने से लेकर मंत्रिमंडल में फेरबदल तक की खबरें वायरल हो रही हैं। सूबे में राजनीतिक सियासी उठापटक के बीच बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री सतीश द्विवेदी का तो जाना तय माना जा रहा है। विपक्षी दल और सामाजिक कार्यकर्ता बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री के भाई अरुण द्विवेदी की असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर ईडब्ल्यूएस कोटे से नियुक्ति की जाँच कराने की मांग पर अड़े हुए हैं। इस मुद्दे पर योगी सरकार की जमकर किरकिरी हो रही है।

उल्लेखनीय है कि बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री सतीश द्विवेदी के भाई अरुण द्विवेदी की ईडब्ल्यूएस (आर्थिक रूप से कमजोर सामान्य अभ्यर्थी) में नियुक्ति के मामले ने काफी तूल पकड़ लिया है। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी इस प्रकरण पर शुरू से ही सीएम योगी पर हमले कर रही हैं। आम आदमी पार्टी ने इस मुद्दे पर आंदोलन शुरू कर दिया है। इस बीच राजभवन ने भी सिद्धार्थ विवि के कुलपति से पूरे मामले में जवाब-तलब किया। अरुण द्विवेदी ने सिद्धार्थ विवि के मनोविज्ञान विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर 21 मई को ज्वाइन किया था।

बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री पर आरोप है कि उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए गलत ढंग से अपने भाई की नियुक्ति विश्वविद्यालय में करा दी। इस मामले में राजभवन से जवाब-तलब किए जाने के बाद विश्वविद्यालय में हड़कंप मच गया था। इस मामले में कुलपति ने कहा था कि नियुक्ति करते वक्त उन्हें यह नहीं मालूम था कि अरुण प्रदेश के बेसिक शिक्षा मंत्री के भाई हैं। इसके बाद विवाद ने और तूल पकड़ लिया। सोशल मीडिया में तमाम पोस्‍ट वायरल होने लगी। मामला बढ़ते देख बुधवार को अरुण द्विवेदी ने इस्तीफा दे दिया।

अरुण द्विवेदी के इस्तीफे के बाद सरकार पर विपक्ष के हमले और तेज हो गए हैं। कांग्रेस और आम आदमी पार्टी मामले में मंत्री सतीश द्विवेदी की संलिप्तता का आरोप लगाते हुए जांच की मांग पर अड़ी है। इस मामले को लेकर कई सोशल एक्टिविस्ट भी मुहीम छेड़ रखी है। इस बीच सूत्रों से जानकारी मिल रही है कि किरकिरी से बचने के लिए बीजेपी आलाकमान और सीएम योगी सतीश द्विवेदी को मंत्रिमंडल से हटा सकते हैं।

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