लखनऊ। कोरोना काल में आयुष महकमे से उम्मीद थी कि वह आम जन को महामारी से निपटने की राह दिखाएगा। आम जन को उसी राह से जागरूक करने के बाबत पड़ताल शुरू की गई तो पता चला कि महकमे में पुराना खेल अभी भी जारी है। पिछले तीन वर्षों से बिना टेंडर के करोड़ों रूपये के दवाओं की खरीद—फरोख्त की जा रही है।
विभागीय मंत्री से लेकर मिशन निदेशक तक इस खरीद को सही ठहरा रहे हैं। जबकि अन्य प्रदेशों में बाकायदा टेंडर के जरिए दवाएं खरीदी जा रही हैं। यह तथ्य इशारा करते हैं कि दाल में कुछ काला है। ऐसे में लाख टके का सवाल उठता है कि प्रदेश के आयुष महकमे पर कोई नियम लागू होता है या अपनी सहूलियत के लिहाज से नियमों में फेरबदल कर लिया जाता है।
सिर्फ यूपी में बिना टेंडर के करोड़ो रूपये के दवाओं की खरीद संदेहास्पद
अपारदर्शी तरीके से खरीद, सरकार की छवि पर दाग
आम धारणा है कि सरकारी महकमों में कमीशन का खेल खूब चलता है। आम जनता के पैसे का धड़ल्ले से दुरूपयोग होता है। इसमें खरीद को प्रभावित करने वाले व्यक्ति विशेष का निजी स्वार्थ छिपा होता है। आयुष महकमे में इस तरह की अपारदर्शी खरीद फरोख्त इस आम धारणा को और मजबूत करती हैं और यह धारणा सरकार की छवि को नुकसान पहुंचाती हैं। पर इस प्रक्रिया ने यह साफ कर दिया है कि सीएम योगी आदित्यनाथ की भ्रष्टाचार के विरूद्ध जीरो टालरेंस की नीति को अफसर नजरअंदाज कर रहे हैं। सीएम की नाक के नीचे करोड़ो रूपये के दवाओं की खरीद बिना टेंडर के जारी है।
क्या है नियम
क्या कहते हैं आयुष मंत्री धर्म सिंह सैनी
योगी सरकार के आयुष मंत्री धर्म सिंह सैनी का कहना है कि IMPCL सरकारी कंपनी है। इसलिए उसे बिना टेंडर काम दे दिया गया है। गाइड लाइन की बात पर उन्होंने कहा कि 50 प्रतिशत तो बिना टेंडर के देने का प्राविधान है, सरकारी कंपनी को सीधे बिना टेंडर के आर्डर किया जा सकता है पर इस बार कोरोना के चलते टेंडर नहीं कराया जा सका। इसलिए IMPCL को सीधे बिना टेंडर के आर्डर दे दिया गया। इस बाबत प्रमुख सचिव आयुष प्रशांत त्रिवेदी से जानकारी की कोशिश की गई पर उनसे सम्पर्क नहीं हो सका।
विभागीय मंत्री और मिशन निदेशक के बयान अलग-अलग
राहत पहुंचाने वालों के ये हैं कृत्य, कहां जाए 23 करोड़ जनता
कोरोना काल में जिस महकमे से आम जनता को राहत मिल सकती है। उसी महकमे के अफसर दवाओं की खरीद में अपारदर्शी रवैया अपनाए हैं। ऐसे में आखिरकार प्रदेश की 23 करोड़ जनता किससे उम्मीद रखे कि वह उसे राहत पहुंचाने का कदम उठाएंगे।