सजा माफी को लेकर अमेरिकी राजदूत ने उत्तराखंड मुख्यमंत्री को लिखा लेटर, जानिए क्या है मामला

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देहरादून॥ उत्तराखण्ड राज्य के चंपावत में पासपोर्ट व वीजा के बगैर नेपाल से बनबसा के रास्ते हिंदुस्तान आने की अपराधी पाकिस्तान मूल की अमेरिकी नागरिक फरीदा मलिक की सजा माफ करने को लेकर अमेरिका की एंबेसी (दूतावास) सक्रिय हो गई है।

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अमेरिकी राजदूत केनेथ आई जस्टर ने फरीदा की सजा माफ करने की अपील करते हुए उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री को लेटर भेजा है। बता दें कि बीते वर्ष 12 जुलाई को बनबसा चेकपोस्ट से काठमांडू से बनबसा आते वक्त फरीदा मलिक (50) नामक पाकिस्तानी मूल की यूएसए नागरिक को इमिग्रेशन अफसरों ने पकड़ा था। उन पर पासपोर्ट व वीजा के बगैर हिंदुस्तान में प्रवेश करने का आरोप लगा था।

इस केस में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट धर्मेंद्र कुमार ने 5 मार्च को फरीदा मलिक को चार वर्ष की सश्रम करावास की सजा और 20 हजार रुपये का जुर्माना लगाया था। अलबत्ता 21 अप्रैल को उन्हें जिला एवं सत्र न्यायालय से जमानत मिल गई।

फरीदा मलिक के अधिवक्ता शेखर लखचौड़ा ने बताया कि यूएसए के राजदूत जस्टर ने 16 अप्रैल को सीएम त्रिवेंद्र सिंह को लेटर भेजकर मानवीय व स्वाथ्यगत आधार पर फरीदा के मामले को वापस लेने की अपील की है। लेटर में कहा गया है कि दिमागी सेहत (बायपोलर डिसऑर्डर) के साथ फरीदा मधुमेह से भी पीड़ित है।

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साथ ही यह फरीदा का पहला जुर्म है। लिहाजा कई पहलुओं पर विचार करते हुए सजा माफ कर उन्हें हिंदुस्तान से अमेरिका भेजा जाए। पत्र में यह भी दावा किया गया है कि फरीदा का पासपोर्ट नेपाल के होटल में ही छूट गया था। इन कई दलीलों के साथ ही दोनों देशों के अच्छे संबंधों का हवाला देते हुए मामले को वापस लेने की अपील की गई है।

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