चुनाव सिर पर हैं। हर पार्टी जनता को लुभाने के लिए अलग अलग तरीके अपना रही है। एक तरफ बीजेपी जन आशीर्वाद यात्रा के जरिए लोगों को अपने पाले में लेने की कोशिश कर रही है तो दूसरी तरफ कांग्रेस के चुनावी गैरंटी लोगों को खूब पसंद आ रही है। एमपी के मुखिया शिवराज सिंह चौहान ने भी योजनाओं का पिटारा खोल दिया और योजनाओं की झड़ी लगा दी।
एमपी चुनाव को लेकर बीजेपी कितनी डरी हुई है इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है खुद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी चुनावी हुंकार भरने के लिए एमपी पहुंच गए और वहां भी योजनाओं की झड़ी लगा दी। मगर जीत की लालसा में शिवराज सरकार के बुरे दिन भी शुरू हो गए हैं और इतना ही नहीं जैसे फिलहाल हालत है, हो सकता है लोगों पर इसका बहुत ज्यादा असर पड़ने लगे।
दरअसल, शिवराज सरकार की घोषणाओं पर निरंतर कर्ज का बोझ बढ़ता जा रहा है। अभी हाल ही में 1000 करोड़ का नया कर्ज लिया है। और यह 16 साल के लिए लिया गया है। शिवराज सरकार 3,00,000 करोड़ के लोन के बाद भी रोजाना नई नई घोषणाओं का एलान कर रही है और अभी मध्य प्रदेश आर्थिक संकट से गुजर रहा है। प्रदेश का खजाना खाली है। कर्ज निरंतर बढ़ता जा रहा है। इसके बाद भी चुनावी साल में जनता को लुभाने के लिए सरकार की ओर से लोन लिया जा रहा है। लोन सरकार पर ही नहीं, बल्कि जनता पर भी असर पड़ता जा रहा है।
एक वरिष्ठ पत्रकार को लेकर एक हैरान कर देने वाला अंदाजा लगाया है। आय से ज्यादा खर्चा हो रहा है, जिसका सीधा असर व्यक्ति पर भी पड़ सकता है। 3,30,000 करोड़ का कर्ज है हर साल सरकार पर 20,000 करोड़ का ब्याज देती है। कार्ड के हिसाब से प्रति व्यक्ति पर 40,000 का लोन है। 2023 24 बजट से 18,000 करोड़ ज्यादा कर्ज है। 50,000 करोड़ के लगभग ज्यादा है। लोगों पर कर्ज बढ़ता जा रहा है। आय से दोगुना खर्चा हो रहा है।
जनता को होगा भारी नुकसान
कर्ज को लेकर विपक्ष भी निरंतर ऐतराज जता रहा है, मगर सरकार के कान पर जूं तक नहीं रेंग रही है। इतना कर्ज हो गया है कि इस साल छह महीने में अलग अलग तारीखों पर 11 बार सरकार कर्ज ले चुकी है। जनवरी, फरवरी, मार्च और जून में आरबीआई से लोन लिया। शुरू होने के बाद सरकार का यह दूसरा कर्ज है। ऐसे में सवाल कई योजनाओं के चलते बीजेपी को वोट देने का मन बना रही है। वहीं बीजेपी जनता की जेब से पैसा निकालकर अपनी योजनाओं की भरपाई करवा रही है और बाद में नुकसान जनता का ही होगा।
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