Uttar Pradesh: सुपोषित किये जायेंगे चिन्हित कुपोषित और अति कुपोषित बच्चे

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महराजगंज। वजन सप्ताह में चिन्हित किए गए कुपोषित और अति कुपोषित बच्चे सुपोषित किए जाएंगे। इसके लिए आगामी दो अक्टूबर तक ‘ संभव अभियान’ चलेगा। इस दौरान आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने बच्चों की नियमित निगरानी करनी शुरू कर दी हैं । सूखा राशन एवं पोषाहार से विभिन्न प्रकार के व्यंजन बनाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।

जिला कार्यक्रम अधिकारी दुर्गेश कुमार ने बताया कि ” सबको पोषण, देश रोशन ” थीम पर चलने वाले संभव अभियान के पहले 25 से 30 जून तक वजन सप्ताह मनाया गया। इस सप्ताह में आंगनबाड़ी केन्द्रों पर पंजीकृत 0-5 वर्ष के करीब 2.82 लाख बच्चों में से करीब 2.65 लाख बच्चों का वजन, लंबाई और ऊँचाई के आधार पर माप लिया गया। इनमें से 4928 बच्चे कुपोषित तो 2599 बच्चे अति कुपोषित चिन्हित किए गए। इन बच्चों की सूचना पोषण ट्रैकर एप पर फीड भी की गयी है।

कुपोषित तथा अति कुपोषित बच्चों को सुपोषित करने के लिए बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग का विशेष जोर है। इसके लिए सभी आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को निर्देशित किया गया है कि वह अपने-अपने केन्द्र के कुपोषित तथा अति कुपोषित बच्चों को अन्य विभागों के समन्वय से सुपोषित करने के लिए शासन के मंशा के अनुरूप कार्य करें। कुपोषित तथा अति कुपोषित बच्चों की सूची आशा , एएनएम तथा ग्राम प्रधान से साझा की गयी है।

इसकी सूची संबंधित क्षेत्र की मुख्य सेविका तथा सीडीपीओ को भी उपलब्ध करा दी गयी है। डीपीओ ने सभी मुख्य सेविकाओं और बाल विकास परियोजना अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि सभी कुपोषित बच्चों को सुपोषित करने के लिए संबंधित विभागों से समन्वय स्थापित कराएं ताकि सबको पोषण देश रोशन की सोच साकार हो सके।

स्तनपान पर विशेष जोर

जिला कार्यक्रम अधिकारी ने बताया कि जुलाई माह स्तनपान पर विशेष जोर दिया जा रहा है। धात्री महिलाओं को बताया जा रहा है कि छह माह तक बच्चों को सिर्फ और सिर्फ स्तनपान कराएं। मां का दूध बच्चों के लिए संपूर्ण आहार है। उन्होंने कहा कि धात्री महिलाओं को बताया जाए कि छह माह तक बच्चों को घुट्टी शहद आदि नहीं दी जानी चाहिए। बच्चे के मांगने पर ही स्तनपान कराना चाहिए।

मां का दूध बच्चे की सेहत और बढ़त के लिए सबसे अच्छा होता है।  सदर ब्लाॅक के ग्राम पंचायत सतभरिया निवासीनी करीब 22 वर्षीया महिमा (धात्री) ने बताया कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता नूरी पांडेय ने बताया है कि छह महीने तक बच्चे को सिर्फ और सिर्फ स्तनपान कराना है। समय समय पर बच्चे का टीकाकरण भी कराते रहना है।

एनआरसी संदर्भित किए गए 18 बच्चे

जिला कार्यक्रम अधिकारी दुर्गेश कुमार ने बताया कि जिला संयुक्त चिकित्सालय परिसर में स्थित पोषण पुनर्वास केन्द्र में ( एनआरसी) दस बेड उपलब्ध हैं। वजन सप्ताह के दौरान 18 बच्चों को एनआरसी संदर्भित किया गया।

पोषण पाठशाला 13 को

जिला कार्यक्रम अधिकारी ने बताया कि राज्य स्तर से 13 जुलाई को पोषण पाठशाला का आयोजन किया जाएगा। पाठशाला में विषय विशेषज्ञों द्वारा पोषण प्रबंधन, कुपोषण से बचाव के उपाय, पोषण शिक्षा आदि के संबंध में वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये चर्चा की जाएगी। उन्होंने बताया कि पाठशाला का मुख्य थीम ” प्रभावी स्तनपान के लिए सही तकनीकी ” है।

फैक्ट फाइल

  • कुल आंगनबाड़ी केन्द्र-3164
  • कुल आंगनबाड़ी कार्यकर्ता-2790
  • कुल पंजीकृत बच्चे-2.85 लाख
  • कुल बच्चों का लिया गया वजन-2.65 लाख
  • वजन सप्ताह में चिन्हित कुपोषित बच्चे-4928
  • वजन सप्ताह में चिन्हित कुल अति कुपोषित बच्चे -2599
  • जिला में पंजीकृत धात्री महिलाओं की संख्या 28342
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