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uttarakhand news: राजधानी दून में जाम की समस्या एक गंभीर समस्या बन गई है। मुख्य सड़कों के किनारे बड़ी बिल्डिंगें बन चुकी हैं, जिससे सड़कों का चौड़ीकरण करना अब असंभव हो गया है। ऐसे में, सरकार जाम की समस्या के समाधान के लिए नए विकल्प खोज रही है।

इस दिशा में शहर में भूमिगत सड़क की संभावनाओं पर विचार किया जा रहा है। पीडब्ल्यूडी ने फिजिबिलिटी स्टडी रिपोर्ट के लिए टेंडर जारी किए हैं। देहरादून की जनसंख्या निरंतर बढ़ रही है, जिससे वाहनों का प्रेशर भी बढ़ता जा रहा है।

आरटीओ में दस लाख से अधिक वाहन रजिस्टर्ड हैं। पर्यटन के सीजन में पर्यटक वाहनों की संख्या में वृद्धि होती है, जिससे जाम की समस्या और गंभीर हो जाती है। हालांकि पिछले कई सालों में कई क्षेत्रों में सड़कें चौड़ी की गई हैं, मगर भूमि की कमी के कारण सड़कों की चौड़ाई में ज्यादा वृद्धि नहीं हो पाई है।

अब भूमिगत सड़क के निर्माण की संभावनाओं की जांच की जा रही है। रिंग रोड और एलिवेटेड रोड के विकास की बात आगे बढ़ी नहीं है, जबकि एनएचएआई ने शहर में आउटर रिंग रोड का प्रस्ताव भारत सरकार को भेजा है। इसके पहले चरण का सर्वेक्षण किया जा चुका है, लेकिन अब तक कोई प्रगति नहीं हुई है। रिस्पना और बिंदाल नदी के ऊपर एलिवेटेड सड़क का प्रस्ताव भी तैयार है, और पीडब्ल्यूडी द्वारा मॉडल स्टडी कराई जा चुकी है, जिसमें विशेषज्ञों ने हरी झंडी दे दी है। अब शासन को अंतिम निर्णय लेना है।

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