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uttarakhand news: कांवड़ यात्रा के दौरान हरिद्वार में भारी भीड़ को देखते हुए प्रशासन पूरी तरह से चौकन्ना है। यहां पुलिस, SDRF और अन्य सुरक्षा बलों के जवान तैनात हैं। कांवड़िए गंगा नदी में आस्था की डुबकी लगाते हैं, लेकिन बरसात के मौसम में नदी का बहाव तेज होने के कारण किसी अनहोनी से बचाने के लिए SDRF के जवान घाट पर मुस्तैद हैं। इनमें से एक जाबांज तैराक, हेड कॉन्स्टेबल मोहम्मद आशिक अली, अब तक लगभग 39 से ज्यादा कांवड़ियों की जान बचा चुके हैं।

पवित्र सावन के चलते कांवड़ियों की भीड़ हरिद्वार की गंगा नदी में उमड़ रही है। गंगा के घाट पर कांवड़ियों के डूबने के कई मामले सामने आए हैं, मगर उत्तराखंड SDRF के जवानों की मुस्तैदी की वजह से कई कांवड़ियों की जान बचाई जा चुकी है

SDRF में तैनात हेड कॉन्स्टेबल आशिक अली इन दिनों बहुत सुर्खियों में हैं। वो अपनी टीम के साथ अब तक 39 से ज्यादा कांवड़ियों की जान बचा चुके हैं। आशिक अली देहरादून के सहसपुर के निवासी हैं और 2012 में उत्तराखंड पुलिस में भर्ती हुए थे। 2021 में वो SDRF में हेड कांस्टेबल बने। बचाव टीम से जुड़ने के बाद से ही वह निरंतर उन जगहों पर लोगों को बचाने के लिए जाते हैं, जहां पर बचाव दलों की जरूरत होती है।

बता दें कि सावन के दौरान हरिद्वार में कांवड़ियों की सुरक्षा के लिए 20 जुलाई से SDRF की पूरी टीम तैनात की गई है, जिसे सब इंस्पेक्टर पंकज खरोला लीड कर रहे हैं। उनके साथ आशिक अली, जितेंद्र सिंह, प्रदीप रावत, अनिल कोठियाल, सुरेंद्र लक्ष्मण, संदीप, रजत और शिवम सिंह हर पल गंगा घाट के अलग-अलग किनारों पर चौकन्ना रहते हैं। 

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