देहरादून॥ जिस तरह के प्रयास चल रहे हैं, वह फलीभूत हुए तो श्रीनगर के Uttarakhand के नौवें नगर निगम के रूप में सामने आने की सूरत बन सकती है। एक जमाने में गढ़वाल राज्य की राजधानी रहे श्रीनगर को नगर निगम का दर्जा देने के संबंध में सरकार भी सैद्धांतिक रूप से सहमत है।
उच्च शिक्षामंत्री डॉ. धन सिंह रावत अपने विधानसभा क्षेत्र के इस मामले में खासे सक्रिय हैं और निरंतर दबाव बना रहे हैं। वहीं, पहाड़ में भी नगर निगम बनाने के लिए शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक भी पहले से प्रयास करते रहे हैं। यही मिलीजुली स्थिति श्रीनगर नगर निगम की संभावनाओं को ताकत प्रदान कर रही है।
उत्तराखण्ड में इस वक्त आठ नगर निगम हैं। देहरादून सबसे पुराना नगर निगम है। इसके अलावा हरिद्वार, रुड़की, हल्द्वानी, रूद्रपुर, ऋषिकेश, काशीपुर और कोटद्वार भी नगर निगम हैं। सभी आठों नगर निगम मैदानी क्षेत्रों में हैं, जबकि कम आबादी की वजह से पहाड़ में एक भी नगर निगम नहीं बन पाया है। सरकार आसपास के कुछ इलाकों को शामिल करते हुए पहाड़ में नए नगर निगमों की संभावनाओं पर काम कर रही है। श्रीनगर इस मामले में सबसे आगे है। इसके बाद पिथौरागढ़ का नंबर है।
उच्च शिक्षामंत्री डॉ. धन सिंह रावत अपने विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत श्रीनगर नगर पालिका को नगर निगम बनाने का प्रस्ताव काफी पहले सरकार को दे चुके हैं। इसे लेकर प्रक्रिया शुरू हो चुकी है और शहरी विकास विभाग रिपोर्ट तैयार कर रहा है। 2022 के विधानसभा चुनाव से पूर्व सरकार की कोशिश है कि श्रीनगर नगर निगम का तोहफा लोगों को दे दिया जाए।
इसके लिए टिहरी जिले के कुछ हिस्सों को मिलाकर नगर निगम स्थापना के लिए जरूरी आबादी की शर्त को पूरा करने की कोशिश की जा रही है। उच्च शिक्षामंत्री डॉ, धन सिंह रावत कहते रहे हैं कि श्रीनगर में नगर निगम बनने लायक सारी संभावनाएं मौजूद हैं। वहीं, शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक का कहना है कि सरकार पहाड़ में नगर निगम बनाना चाहती है। श्रीनगर समेत अन्य किसी भी जगह, जहां पर नगर निगम की संभावनाएं हैं, वहां गंभीरता से प्रयास किए जा रहे हैं। (उत्तराखण्ड सरकार)