उत्तराखंड में बकाया ऋण वसूली अभियान के अंतर्गत अब तक प्रदेश भर के 20 बड़े बकायादारों से 76 करोड़ रुपये की वसूली की गई। मार्च माह तक बकाया ऋण का 60 प्रतिशत वसूली का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। यह अभियान किसी किसान के विरूद्ध नहीं है बल्कि बड़े 20 बकायादारों के विरुद्ध है, जिन्होंने 50 लाख से अधिक का ऋण लेकर अपना खाता एनपीए कर दिया है।
ये सूचना राज्य के सहकारिता, उच्च शिक्षा, दुग्ध विकास एवं प्रोटोकॉल राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉक्टर. धन सिंह रावत ने विधानसभा स्थित सभा कक्ष में आयोजित सहकारिता विभाग की समीक्षा बैठक के उपरांत दी। उन्होंने बताया कि बैठक में 10 बकायादारों ने 10 मार्च तक बैंकों में बकाया ऋण जमा करने पर सहमति जताई है।
विभागीय मंत्री ने कहा कि बकाया ऋण अभियान के तहत किसी किसान को परेशान नहीं किया जायेगा। बल्कि ऐसे ग्राहकों से वसूली की जायेगी, जिन्होंने बड़ी रकम लेकर किश्त जमा नहीं की है। यदि इन्होंने 10 मार्च तक अपना बकाया ऋण जमा नहीं किया तो इनके विरूद्ध कड़ी कानूनी कार्रवाई की जायेगी।
मीटिंग में हिमालय फूड पार्क प्रा.लि. के एमडी अश्विनी छाबड़ा ने बताया कि वह अपना बकाया ऋण दे देंगे। जिस पर महाप्रबंधक केएस बिष्ट ने बताया कि यदि ये लोग 8 करोड़ रुपये जमा कर देंगे तो इनका खाता एनपीए से बाहर आ जायेगा। रचियता इन्फ्रा प्रा. लि. के मुरारी लाल शाह के प्रतिनिधि ने बताया कि उन पर ढ़ाई करोड़ रुपये बकाया है, जिसे जल्द जमा कर दिया जायेगा। राज्य सहकारी बैंक के चेयरमैन दान सिंह रावत ने बैठक में ऋण हेतु जरूरी दस्तावेज जमा न किये जाने का मुद्दा उठाया।
मीटिंग में उत्तराखंड राज्य सहकारी बैंक के चेयरमैन दान सिंह रावत, निबंधक सहकारिता बीएम मिश्र, चेयरमैन जिला सहकारी बैंक अमित शाह, चेयरमैन जिला सहकारी बैंक उत्तरकाशी विक्रम सिंह रावत, चेयरमैन जिला सहकारी बैंक टिहरी सुभाष रमोला, चेयरमैन जिला सहकारी बैंक हरिद्वार प्रदीप चौधरी, राज्य सहकारी बैंक के जीएम दीपक कुमार, एनपीएस ढाका, केएस बिष्ट, सहायक महाप्रबंधक राहुल गैरोला सहित कंपनियों के 10 प्रमोटर मौजूद थे।