बंगाल में इस तरह लगाया जा रहा है लोगों को कोरोना का टीका, जानें प्रक्रिया

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जानलेवा महामारी कोविड-19 के विरूद्ध आखिरकार देश में आखिरी जंग की शुरुआत शनिवार को हो गई है। सुबह 10:30 बजे पीएम नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए विश्व के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान की शुरुआत की, जिसके बाद पूरे देश के साथ पश्चिम बंगाल में भी टीकाकरण शुरू हो गया है। राज्य स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों ने बताया है कि राज्य के 212 स्वास्थ्य केंद्रों पर टीकाकरण अभियान शुरू हुआ है। इनमें राजधानी कोलकाता में 19 स्वास्थ्य केंद्र हैं जहां पहले चरण में स्वास्थ्य कर्मियों को वैक्सीन लगाई जा रही है।

corona vaccine

बंगाल में कुल छह लाख स्वास्थ्य कर्मी हैं जिन्हें पहले चरण में टीका लगाया जाना है। केंद्र सरकार के नियमानुसार प्रत्येक स्वास्थ्य केंद्र पर एक दिन में केवल 100 लोगों को टीका लगाया जाएगा। यानी पश्चिम बंगाल में एक दिन में कुल 21 हजार 200 लोगों को टीका लगेगा।

कोलकाता के एसएसकेएम, कोलकाता मेडिकल कॉलेज, आरजी कर मेडिकल कॉलेज, नीलरतन सरकार मेडिकल कॉलेज, नेशनल मेडिकल कॉलेज, चितरंजन सेवा सदन, स्कूल ऑफ ट्रॉपिकल मेडिसिन, बिधान चंद्र रॉय शिशु अस्पताल, बेलियाघाटा आईडी, एमआर बांगुर अस्पताल और विभिन्न बोरों में मौजूद स्वास्थ्य केंद्रों पर टीकाकरण अभियान की शुरुआत की गई है। इसके अलावा कोलकाता के पांच बड़े सरकारी अस्पतालों जिसमें ढाकुरिया का आमरी अस्पताल, रबींद्रनाथ टैगोर हॉस्पिटल, अपोलो, पीयरलेस और टाटा मेडिकल सेंटर में भी टीकाकरण शुरू हुआ है। इसके अलावा राज्य के सभी जिलों में मौजूद राजकीय अस्पतालों में स्वास्थ्य कर्मियों को टीका लगाया जा रहा है।

सचिवालय से निगरानी रख रही हैं मुख्यमंत्री ममता

प्रदेश के शहरी विकास मंत्री और कोलकाता नगर निगम के प्रशासक फिरहाद हकीम ने बताया कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी राज्य सचिवालय नवान्न से पूरी प्रक्रिया पर निगरानी रख रही हैं। राज्य भर में हो रहे टीकाकरण अभियान की पूरी रिपोर्ट वह देख रही हैं। इसके अलावा राज्य के विभिन्न हिस्सों में जनप्रतिनिधियों को अस्पतालों में घूमकर टीकाकरण अभियान पर निगरानी रखने का निर्देश उन्होंने दिया है। उसी के मुताबिक फिलहाल फिरहाद हकीम भी कोलकाता के विभिन्न क्षेत्रों में घूम रहे थे। उन्होंने कहा कि साल भर तक लोग महामारी की वजह से घरों में सिमटे हुए थे। डर लग रहा था कि पता नहीं कब कौन अपना हमेशा के लिए दूर हो जाए। परन्तु आज देश के लिए ऐतिहासिक दिन है। हमने कोविड-19 के विरूद्ध जंग का आगाज कर दिया है। हम जीत गए।

टीकाकरण के लिए बने हैं तीन कमरे

राज्य स्वास्थ्य विभाग के एक अफसर ने शनिवार को बताया कि वैक्सीनेशन बूथ पर तीन कमरे तैयार किए गए हैं। पहला वेटिंग रूम है जहां टीका लगवाने वाले स्वास्थ्य कर्मी पहचान पत्र के साथ पहुंच रहे हैं। जिन लोगों को टीका लगाया जाना है उनकी सूची टांग दी गई है। उसी के मुताबिक लोग अपना पहचान पत्र लेकर पहुंच रहे हैं। यहां उनकी पहचान सुनिश्चित करने के बाद शख्स को दूसरे रूम में भेजा जा रहा है जिसे वैक्सीनेशन रूम नाम दिया गया है।

यहां स्वास्थ्य विभाग के प्रशिक्षित अधिकारी टीका लगा रहे हैं। उसके बाद तीसरा रूम है “ऑब्जरवेशन रूम”, जहां टीका लगाने के बाद व्यक्ति को भेज दिया जा रहा है और आधे घंटे के लिए उसकी निगरानी की जा रही है। यह परखने के लिए कि कहीं कोई साइड इफेक्ट तो नहीं है। टीका लगने वालों का स्वास्थ्य सामान्य रहने पर उन्हें घर भेजा जा रहा है। हालांकि अगर किसी की तबीयत बिगड़ती है तो उसे तुरंत अस्पताल में भर्ती किया जाएगा, परन्तु शनिवार दोपहर तक अभी ऐसी कोई भी बात सामने नहीं आई है।

एक बार में केवल एक व्यक्ति को एंट्री

उक्त अधिकारी ने बताया कि वैक्सीनेशन रूम में एक बार में सिर्फ एक व्यक्ति को ही प्रवेश करने दिया जा रहा है। एक रूम में पांच हेल्थ ऑफिसर हैं जिन्हें टीकाकरण के लिए पूरी तरह से प्रशिक्षित किया गया है। केंद्र सरकार के निर्देश पर राज्य स्वास्थ्य विभाग ने प्रशिक्षण की प्रक्रिया पूरी की है। इसके अलावा एक सुपरवाइजर है जो पूरी प्रक्रिया की निगरानी कर रहा है।

मैसेज के जरिए टीकाकरण की सूचना

अधिकारी ने बताया कि एक एसएमएस प्रणाली विकसित की गई है। जिस शख्स को टीका लगाया जाना है उसे मैसेज के जरिए सूचना दी गई है। उस मैसेज में उन्हें प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का पता और समय बताया गया है।

बनाया गया है मोबाइल एप्लीकेशन

राज्य स्वास्थ्य विभाग के उक्त अफसर ने बताया कि केंद्र सरकार ने व्यापक पैमाने पर टीकाकरण अभियान को सफल बनाने के लिए कोविन (Co-Win) नाम से मोबाइल एप्लीकेशन बनाया है। इसमें सेल्फ रजिस्ट्रेशन सुविधा है। यानी जो व्यक्ति टीकाकरण कराना चाहते हैं वे इस मोबाइल एप्लीकेशन पर जाकर अपने आप को पंजीकृत कर सकते हैं। राज्य के करीब छह लाख स्वास्थ्य कर्मियों ने अपना पंजीकरण इस मोबाइल एप्लीकेशन पर किया है और उसी सूची के जरिए पहले दिन उन अधिकारियों का चुनाव किया गया है जिन्हें टीका लगाया जाना है।

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