वैसे तो पूर्णिमा हर महीने ही पड़ती है और हिंदू धर्म में पूर्णिमा का विशेष महत्व भी है। हिन्दू धर्म में हर महीने पड़ने वाली पूर्णिमा को उसके माह के नाम से ही जाना जाता है। इस महीन की पूर्णिमा को वैशाख मास की पूर्णिमा कहते हैं। ये पूर्णिमा इस बार 16 मई दिन सोमवार को पड़ रही है। बौद्ध ग्रंथ की मानें तो वैशाख पूर्णिमा (Vaishakh Purnima) के दिन ही भगवान बुद्ध का जन्म (Buddha Purnima) हुआ था। बुध को भगवान विष्णु का 9वां अवतार कहा जाता है।
बुध के जन्म की वजह से ही वैशाख मास की पूर्णिमा (Vaishakh Purnima) का महत्व और अधिक बढ़ जाता है। इसी दिन 16 मई को चंद्र ग्रहण भी लगेगा। यह साल 2022 का पहला पूर्ण चंद्र ग्रहण है। ये भारत के किसी भी भाग में नहीं दिखेगा और न ही इसके लगने से सूतक काल ही मान्य होगा। 16 मई के दिन बनने वाले इन सभी संयोग की वजह से इस साल की वैशाख पूर्णिमा कैफ महत्वपूर्ण हो गई है। (Buddha Purnima)
वैशाख मास (Vaishakh Purnima) की पूर्णिमा 16 मई दिन सोमवार को हैमनाई जाएगी। पूर्णिमा की तिथि 15 मई को रात्रि 12:45 से आरंभ होकर 16 मई की रात्रि 9:45 तक रहेगी। बुद्ध पूर्णिमा (Buddha Purnima) का व्रत 16 मई दिन सोमवार को रखा जाएगा।
सनातन धर्म में बताया गया है कि वैशाख पूर्णिमा (Vaishakh Purnima) के दिन भगवान विष्णु की विधि-विधान से पूजा की जाती है। वहीं इस साल इस दिन सोमवार पड़ने से भगवान विष्णु की आराधना का विशेष फल भी प्राप्त होगा। 16 मई को ही चंद्र ग्रहण लगने के चलते चंद्र देव की पूजा का भी विशेष प्रावधान है। (Buddha Purnima)
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