भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को वामन जयंती मनायी जाती है। हिन्दू पंचाग के अनुसार इस साल ये तिथि 7 सितंबर को पड़ रही है। धार्मिक शास्त्रों में कहा गया है कि इस दिन भगवान विष्णु के वामन अवतार की विधि-विधान से पूजा की जाती है। भागवत पुराण में बताया गया है कि इस दिन त्रेता युग में श्रवण नक्षत्र में भगवान विष्णु ने अपने पांचवे अवतार वामन रूप में अवतरित हुए थे। इससे पहले भगवान विष्णु ने चार अवतार (मत्स्य अवतार, कूर्म अवतार, वराह अवतार और नरसिंघ अवतार) पशु के रूप लिए थे। उन्होंने पहला मनुष्य रूप वामन अवतार धारण किया। आइए जानते हैं श्रीहरि के वामन अवतार की पूजा विधि और शुभ मुहूर्त।
हिन्दू पंचांग के मुताबिक भाद्रपद शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि 7 सितंबर दिन बुधवार को प्रात: 03 बजकर 04 मिनट से आरंभ होगी।द्वादशी तिथि का समापन 8 सितंबर दिन गुरुवार को प्रात: 12 बजकर 04 मिनट पर होगा। उदया तिथि के मुताबिक भगवान विष्णु के वामन अवतार का जन्मोत्सव 07 सितंबर को मनाया जाएगा। ज्योतिषी बताते हैं कि इस दिन श्रवण नक्षत्र का विशेष महत्व है क्योंकि इसी नक्षत्र में विष्णु ने वामन अवतार में जन्म लिया था।
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