वाराणसी। आषाढ़ माह के आखिरी दौर में मानसून लगातार अपनी उपस्थिति दर्ज कराये हुए है। पिछले दो तीन दिनों से रूक-रूक हो रही बारिश रविवार देर शाम पूरे रौ में आ गई। चमकती गरजती आकाशीय बिजली और तेज हवाओं के साथ पूरी रात हुई बारिश के चलते शहर और ग्रामीण अंचल में जगह-जगह पेड़ धराशायी हो गये। इससे उस इलाके में आवागमन भी बाधित रहा।
लोगोें के पुराने और नये मकान भी बारिश के चलते टपकते रहे। इस दौरान ठप विद्युत आपूर्ति से लोग अंधेरे में मोबाइल का टार्च और लालटेन से घर के कीमती सामानों को बचाने में देर रात तक जगते रहे। तूफानी हवाओं से शहर के विभिन्न स्थानों पर लगे और टंगे पोस्टरों बैनरों के चिथड़े उड़ गये। जिन इलाकों में बिजली का भूमिगत तार बिछाने के लिए खुदाई हुई थी। उस इलाके में कीचड़ और जलजमाव से लोग बेहाल रहे।
शहर के छावनी क्षेत्र में तूफानी हवाओं और बारिश से कई पेड़ धराशायी हो गये । सदर-बाजार स्थित सद्भावना पार्क (बाबा बहादुर शहीद मजार) के पास गिरे पेड़ के नीचे भिक्षाटन कर रहने वाले 4-5 महिला पुरूष भिखारी बाल-बाल बचे। उधर,जोरदार बारिश से ग्रामीण अंचल में किसान खुश दिखे। सोमवार सुबह से गांव के सिवानों में धान की बुवाई के लिए खेतों की जुताई और धान के रोपाई के लिए खेत को लेव बनाने में किसान जुटे रहे।
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बारिश के बावूजद सिवान में टैक्टरों की गड़गड़ाहट सुनाई देती रही। बारिश से वरूणा और गंगा नदी में पानी का जलस्तर भी बढ़ने लगा है। मौसम के बदले तेवर से अधिकतम तापमान भी धड़ाम हो गया है। सुबह नौ बजे वाराणसी में अधिकतम तापमान 26 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम 26 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। आद्रता 93 फीसदी और हवा की रफ्तार दो किमी प्रतिघंटा रही।