बीजेपी के दिग्गज सांसद वरुण गांधी ने आज एक मर्तबा फिर से अपनी ही सरकार पर जमकर निशाना साधा है। उन्होंने रूस-यूक्रेन संकट के बीच सरहद पर फंसे हिंदुस्तानी छात्रों को लेकर मोदी सरकार की आलोचना की।
दरअसल, युद्धग्रस्त देश यूक्रेन की कैपिटल कीव में अपने जैसे अन्य लोगों के साथ फंसी एक हिंदुस्तानी स्टूडेंट ने इंडियन एम्बेसी पर आरोप लगाया है कि वे उनका कॉल नहीं उठा रहे हैं।
सांसद वरुण गांधी द्वारा सोशल मीडिया पर शेयर किए गए एक वीडियो में, छात्रा का दावा है कि जहां अन्य मुल्कों ने अपने नागरिकों को यूक्रेन से बाहर निकाला है, वहीं भारत सरकार उनके लिए “कुछ नहीं कर रही है”।
वेस्ट यूक्रेन में वापस जाने के लिए इंडियन एम्बेसी की एडवाइजरी का उल्लेख करते हुए, छात्रा ने कहा कि वे सीमा से 800 किलोमीटर दूर हैं और आधिकारिक मदद के बिना उस दूरी की यात्रा करने का कोई साधन नहीं है।
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— Varun Gandhi (@varungandhi80) February 28, 2022
मुसीबत में फंसी स्टूडेंट ने कहा कि हम उन्हें [इंडियन एम्बेसी के कर्मचारी] फोन कर रहे हैं और वह निरंतर हमारे कॉल को रिजेक्ट कर रहे हैं। यहां तक कि हमने रोमानियाई सरहद से वीडियो शेयर किए हैं जहां युवतियों को बेरहमी से पीटा जा रहा है। आज दोपहर दूतावास ने हमें बताया कि कीव में वे सभी जो रेलगाड़ी से जा सकते हैं, वे जाएं, मगर हमें गाइडेंस देने के बजाय, वे पूरी तरह से हमारी नजरअंदाज कर रहे हैं।
इस वीडिया को लेकर बीजेपी सांसद वरुण गांधी ने सोमवार को केंद्र पर तीखा प्रहार करते हुए दावा किया कि सरकार की निष्क्रियता के कारण, रूसी हमले के चलते 15 हजार से ज्यादा भारतीय छात्र अभी भी यूक्रेन में फंसे हुए हैं।
गांधी ने कहा कि सही वक्त पर सही फैसले न लिए जाने के कारण 15,000 से ज्यादा छात्र भारी अव्यवस्था के बीच अभी भी युद्धग्रस्त देश में फंसे हुए है। ठोस रणनीतिक और कूटनैतिक कार्यवाही कर इनकी सुरक्षित वापसी इन पर कोई उपकार नहीं बल्कि हमारा दायित्व है। हर आपदा में ‘अवसर’ नहीं ढूंढना चाहिए।