कई बार कोई कमी न होने के बावजूद घर के सदस्यों की शादी में देरी होने लगती है। इसकी वजह वास्तु दोष (Vastu Shastra) भी हो सकता है। वास्तुदोष की वजह से कई बार बना-बनाया रिश्ता भी टूट जाता है। अगर आपके बेटे या बेटी की शादी में भी देरी हो रही है तो वास्तु के कुछ उपायों को अपनाकर इस समस्या को हल किया जा सकता है।
वास्तु शास्त्र के मुताबिक कई बार विवाह योग्य बच्चों का कमरा गलत दिशा में होता है जिसे भी विवाह में बाधा आती है। अगर आपका बच्चा शादी के योग्य हो गया है तो उनका कमरा वायव्य कोष में होना चाहिए। इसके साथ ही उसे उत्तर-पश्चिन दिशा में सोना चाहिए। अगर कमरा वायव्य कोण में नहीं है, तो बच्चे को हमेशा उत्तर दिशा में सोना चाहिए।
वास्तु शास्त्र में कमरे के रंगों का भी विशेष महत्व होता है। कमरे के रंगों का व्यक्ति की जिंदगी पर पूरा प्रभाव पड़ता है। वास्तु के अनुसार विवाह योग्य बच्चों के कमरे का रंग हल्का गुलाबी होना चाहिए या फिर ऐसा कलर होना चाहिए जो आंखों को न चुभे। बच्चों के कमरे का रंग अधिक हरा,भूरा, नीला या फिर काला नहीं होना चाहिए। (Vastu Shastra)
जिन जातकों की शादी में कोई समस्या आ रही है उन्हें अपने कमरे मैन्डरिन बत्तख का जोड़ा रखने चाहिए। वास्तुशास्त्र कहता है कि बत्तख रखते समय ध्यान रखें कि इसमें एक नर और एक मादा होनी चाहिए। ऐसा करने से विवाह जल्दी हो जाता है।
वास्तु शास्त्र में कहा गया है कि विवाह का इंतजार कर रहे लोगों को अपने कमरे में पलंग दीवार से चिपका कर नहीं रखना चाहिए। ऐसा करने से विवाह में रुकावट आती है। (Vastu Shastra)
Farmers Protest Update: विजय मार्च निकल कर आंदोलन खत्म करेंगे किसान, इन मुद्दों पर बनी सहमति!