Vastu Tips: उत्तर दिशा में करें वास्तु के नियमों का पालन, धन की वर्षा होगी

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नई दिल्ली: घर में उत्तर दिशा को कुबेर की दिशा माना जाता है, क्योंकि उत्तर दिशा के स्वामी कुबेर हैं, जिन्हें धन का देवता भी कहा जाता है। इसलिए ज्यादातर लोग उत्तर दिशा की ओर मुख करके घर बनाने की इच्छा रखते हैं। जब घर की उत्तर दिशा वास्तु दोष से मुक्त होती है तो धन-धान्य में वृद्धि होती है। हालांकि घर का मुख उत्तर दिशा की ओर हो तो भी वास्तु के नियमों का पालन न करने पर उत्तर दिशा में रहने वाले लोगों को भी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। वास्तु के अनुसार उत्तर मुखी घर में घर के लोग ज्यादा समय तक नहीं रह पाते हैं क्योंकि मुख्य द्वार पूर्व की बजाय पश्चिम की ओर होता है। ऐसे घर के मुखिया को पैसा कमाने के लिए ज्यादातर समय घर से बाहर रहना पड़ता है।

वहीं, कई लोगों को उत्तर-पश्चिम दिशा में मुख्य द्वार के पास भूमिगत पानी की टंकियां और बोरिंग बनवाते हैं। इससे वास्तु दोष बढ़ता है। साथ ही घर में चोरी की संभावना भी बढ़ जाती है। ऐसे घर में रहने वाली महिलाएं ज्यादा चंचल होती हैं, घर में कम रहती हैं। इसके अलावा कुछ लोग पश्चिम दिशा में उत्तर मुखी जमीन में ज्यादा खाली जगह छोड़ देते हैं।

ऐसे घर में रहने वाले पुरुषों को शारीरिक, मानसिक और आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है। उत्तर मुखी घर में गंदे पानी की निकासी और दक्षिण दिशा में सेप्टिक टैंक रखना वास्तु के अनुकूल नहीं है। इससे परिवार की महिलाओं को परेशानी का सामना करना पड़ता है। घर की शांति के लिए उत्तर दिशा घर के मध्य भाग से नीची होनी चाहिए।

घर की उत्तर दिशा में पूजा का स्थान और अतिथि कक्ष शुभ होता है।
घर में सुख-शांति के लिए उत्तर दिशा में किचन नहीं बनाना चाहिए।
उत्तर दिशा में किसी भी दीवार में कोई दीवार या दरार नहीं होनी चाहिए जिससे घर के सदस्यों के बीच प्रेम बना रहे।
उत्तर-पूर्व में भूमिगत पानी की टंकी बनाएं, इससे भवन में रहने वालों को धन संचय करने में मदद मिलती है।
उत्तर दिशा में शौचालय, स्नानघर न बनाएं।
उत्तर दिशा में खुली छत रखने से सकारात्मक ऊर्जा आती है।

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