नई दिल्ली॥ बहुराष्ट्रीय माइनिंग कंपनी वेदांता रिसोर्सेज लिमिटेड को मद्रास हाईकोर्ट से झटका लगा है। मद्रास हाईकोर्ट ने मंगलवार को अपने एक फैसले में तामिलनाडु सरकार के फैसले को बरकरार रखते हुए तूतीकोरिन स्थित कंपनी की स्टरलाइट तांबा प्लांट (स्टरलाइट कॉपर स्मेल्टर प्लांट) को दोबारा खोलने की इजाजत देने से इनकार कर दिया है।
मद्रास हाईकोर्ट में इस मामले की सुनवाई कर रहे जस्टिस टीएस शिवगणानम और वी भवानी सुब्बारोयान की खंडपीठ ने आदेश दिया कि प्लांट को फिर से खोलने की अनुमति नहीं दी जा सकती। जस्टिस टीएस शिवगणानम ने वेदांता की ओर से दाखिल सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया और कहा कि प्लांट को बंद करने का आदेश जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि कंपनी पर्यावरण मानदंडों का उल्लंघन करने के आरोप में बंद की गई थी। हम लोगों की सेहत की कीमत पर प्लांट को दोबारा खोलने का आदेश नहीं दे सकते।
गौरतलब है कि इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने 2013 में पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने के कारण स्टरलाइट कॉपर स्मेल्टर प्लांट पर 100 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था। इस प्लांट को दोबारा खोलने के लिए वेदांता ने मद्रास हाईकोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर की थी। मद्रास हाईकोर्ट के इस फैसले से निराश वेदांता लिमिटेड ने सुप्रीम कोर्ट जाने का फैसला किया है। उल्लेखनीय है कि मई, 2018 में हुए हिंसक विरोध-प्रदर्शन के बाद तमिलनाडु सरकार ने इस स्टरलाइट कॉपर स्मेल्टर प्लांट को बंद कर दिया था।