Video Game से बढ़ेगा बच्चों IQ Level, प्रोफेसर ने कहा- पढ़ाई में होना चाहिए शामिल

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कानपुर, 27 मार्च। एक अध्ययन में मनोविज्ञानियों ने जब शिक्षा संबंधी वीडियो गेम (Video Game) खिलाकर बच्चों की क्षमता के स्तर की जांच की तो पता लगा कि उनके आइक्यू और ग्रेड में काफी सुधार मिला। स्पष्ट है कि पढ़ाई में शिक्षा संबंधी वीडियो बेहद जरूरी है और जितना जल्दी हो सके, इसको शिक्षा में लागू करना चाहिए। गैलीलियो यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर अली लेमस ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) के वार्षिक तकनीकी और उद्यमशीलता उत्सव के 28वें संस्करण ‘टेककृति-2022Ó में यह जानकारी दी।

Video Game will boost IQ

टेककृति की इस वर्ष की थीम ट्रांसेंडिंग ओरिजिंस है। उत्सव की शुरुआत गूगल क्लाउड के सीईओ थामस कुरियन के व्याख्यान से हुई। उन्होंने गूगल क्लाउड कंप्यूटिंग तकनीक की जानकारी दी। बताया कि क्लाउड कंप्यूटिंग 20 वर्षों में काफी विकसित हुई है। कहा कि जिस दर से प्रौद्योगिकी में सुधार हो रहा है, उस तेजी से उसे लागू करने की भी जरूरत है।

दूसरे सत्र में नो ब्रोकर कंपनी के संस्थापक अमित अग्रवाल और सिटियस टेक के रिजवान कोइता के साथ पैनल चर्चा हुई। छात्रों के सवाल पर अमित ने बताया कि कि आइआइटी स्नातक की तरह उन्होंने कंसिंल्टग फर्मों में रहकर नौकरी की। रिजवान ने बताया कि वर्ष 1990 के आसपास उद्यमिता का कोई क्रेज नहीं था। उन्होंने मैकिनजी में पांच साल तक काम किया और फिर 1999 में अपनी पहली बीपीओ फर्म ट्रांस वक्र्स शुरू की। इसे बाद में आदित्य बिड़ला समूह को बेच दिया था। इसके बाद बैचमेट के साथ मिलकर सिटियस टेक शुरू की। हाल ही में कंपनी के सीईओ का पद छोड़ा और बोर्ड में सलाहकार हैं।

Video Game से बच्चे सबसे बेहतर ढंग से समझते हैं

अमित ने छात्रों को सलाह दी कि अगर किसी व्यक्ति के पास पास कोई विचार या रुचि नहीं है, तो वह नौकरी कर सकता है। अगर विचार है तो स्टार्टअप शुरू करें। प्रो, अली लेमस ने ‘गेमीफाइंग आनलाइन कोर्स – रिस्पांस एक्सपेक्टेड विषय पर व्याख्यान देते हुए बताया कि बच्चे ही नहीं, वयस्क भी वीडियो गेम (Video Game) खेलने में रुचि रखते हैं। इसमें खिलाडिय़ों की औसत आयु 40 वर्ष है। इन खिलाडिय़ों में 47 प्रतिशत महिलाएं हैं। वीडियो गेम से बच्चे सबसे बेहतर ढंग से समझते हैं। कामेडियन एक्टर साहिल शाह ने जीवन के यथार्थ को चुटीले अंदाज में समझाया।

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