मिसाइल-मैन और पूर्व राष्ट्रपति डॉ कलाम के विचार हमेशा प्रासंगिक रहेंगे

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‘सपने वो नहीं हैं जो आप नींद में देखते हैं, सपने वो हैं जो आपको नींद नहीं आने देते, इंतजार करने वालों को सिर्फ उतना ही मिलता है, जितना कोशिश करने वाले छोड़ देते हैं, अपने मिशन में कामयाब होने के लिए, आपको अपने लक्ष्य के प्रति एकचित्त निष्ठावान होना पड़ेगा, अगर आप सूरज की तरह चमकना चाहते हैं तो पहले आपको सूरज की तरह तपना होगा।

Dr. Kalam

आत्मविश्वास और कड़ी मेहनत, असफलता नामक बीमारी को मारने के लिए सबसे बढ़िया दवाई है’। जी हां हम बात कर रहे हैं देश के मिसाइल मैन और पूर्व राष्ट्रपति डॉ एपीजे अब्दुल कलाम की । डॉ कलाम के विचार हमेशा युवाओं के लिए प्रासंगिक बने रहेंगे । ‘आज डॉ कलाम की जयंती पर युवा उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए उनके विचारों को याद कर रहा है । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से लेकर अन्य कई केंद्रीय मंत्रियों ने मिसाइलमैन को याद किया’।

बता दें कि पूर्व राष्ट्रपति कलाम का जन्म 15 अक्टूबर 1931 को रामेश्वरम में हुआ था। उन्होंने अपनी पढ़ाई सेंट जोसेफ कॉलेज, तिरुचिरापल्ली से की थी। कलाम ने अर्श से फर्श तक का सफर तय करने के लिए काफी मेहनत की और कई मुश्किलों का डटकर सामना भी किया । ‘उन्हें जनता का राष्ट्रपति कहा जाता था । जनवादी राष्ट्रपति, जिन्होंने विज्ञान से लेकर राजनीति तक कई क्षेत्रों में अमिट छाप छोड़ी’ । कलाम न सिर्फ एक राजनेता, एयरोस्पेस साइंटिस्ट थे, बल्कि एक शिक्षक भी थे। वो चाहते थे कि दुनिया उन्हें एक शिक्षक के तौर पर याद करे।

अपनी सादगी के लिए जाने जाते थे पूर्व राष्ट्रपति डॉ कलाम

मिसाइल मैन और पूर्व राष्ट्रपति डॉ एपीजे अब्दुल कलाम अपनी सादगी पूर्ण जीवन के लिए जाने जाते थे । उनके विचारों ने पूरे देश को एक नई ऊर्जा प्रदान की थी । ‘राष्ट्रपति रहते हुए भी उन्होंने अपने जीवन में बदलाव नहीं किया, यही उनको महान बनाता था । डॉ कलाम सभी पार्टियों सब धर्मों में लोकप्रिय रहे’ । वह अग्नि और पृथ्वी मिसाइल के विकास और संचालन के प्रमुख थे।

यही वजह है कि उन्हें ‘मिसाइल मैन’ कहा जाता है । पोखरण परमाणु परिक्षण में डॉ. कलाम ने अहम भूमिका निभाई थी । कलाम को सूट पहनना कतई पसंद नहीं था, इसलिए वो औपचारिक कार्यक्रमों से चिढ़ते थे। उन्हें ऐसे कपड़े नहीं पसंद थे, जिसमें खुद को सहज नहीं पाते थे । उन्हें भारत और विदेश के 48 विश्वविद्यालयों और संस्थानों से मानद डॉक्टरेट प्राप्त थे ।

उन्होंने 2002 से 2007 तक भारत के 11वें राष्ट्रपति के रूप में देश की सेवा की । वह भारत के पहले राष्ट्रपति थे जो अविवाहित और शाकाहारी थे । ‘यहां हम आपको बता दें कि उनकी अंतिम यात्रा (जनाजे) में मुस्लिमों से अधिक हिंदुओं की संख्या थी’ ।

डॉक्टर कलाम को देश के सभी प्रतिष्ठित नागरिक पुरस्कार से सम्मानित किया गया। उन्हें पद्म भूषण, पद्म विभूषण और 1997 में सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार भारत रत्न से सम्मानित किया गया था। एपीजे अब्दुल कलाम का 27 जुलाई, 2015 को शिलॉंग में निधन हो गया था वे आईआईएम शिलॉन्ग में लेक्चर देने गए थे ।

जयंती पर महान वैज्ञानिक को पीएम मोदी समेत कई दिग्गजों ने किया याद

पूर्व राष्ट्रपति और भारत के महान वैज्ञानिक डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम की जयंती पर कई दिग्गजों ने उन्हें याद किया । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर कहा, डॉ. कलाम को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि। भारत राष्ट्रीय विकास के प्रति उनके अमिट योगदान को कभी नहीं भूल सकता, चाहे वो एक वैज्ञानिक या फिर भारत के राष्ट्रपति के तौर पर रहा हो।

उनकी जीवन यात्रा लाखों लोगों को ताकत देती है। अमित शाह ने ट्वीट कर लिखा, डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम को उनकी जयंती पर नमन. एक विजनरी लीडर, भारत के स्पेस और मिसाइल प्रोग्राम को गढ़ने वाले, जो हमेशा ही एक मजबूत और आत्मनिर्भर भारत बनाना चाहते थे, विज्ञान-शिक्षा के क्षेत्र में उनका योगदान सभी के लिए प्रेरणादायी है।

राजनाथ ने लिखा, पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम को उनकी जयंती पर नमन। नए और मजबूत भारत के सपने को साकार करने के लिए प्रतिबद्ध, कलाम साहब ने अपना पूरा जीवन भारत के भविष्य के निर्माण के लिए समर्पित कर दिया। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने भी ट्वीट किया, पूर्व राष्ट्रपति डॉक्टर अब्दुल कलाम जी की जयंती पर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि, 21वीं सदी के भारत को समर्थ, सशक्त और सक्षम बनाने उनका योगदान अतुलनीय है ।

उनके आदर्श और अनमोल विचार हमेशा प्रेरणा देते रहेंगे, वह युवाओं के प्रेरणास्त्रोत हैं । उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पोस्ट कर लिखा, शुचिता, सादगी व कर्तव्यनिष्ठा की मिसाल, प्रेरक शिक्षक, पूर्व राष्ट्रपति, भारत रत्न, ‘मिसाइलमैन’ अब्दुल कलाम जी को जयंती पर श्रद्धापूर्ण नमन।

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