ब्लैक फीवर को खत्म करने के लिए सतर्कता और जागरूकता जरूरी, अस्पताल में कराएँ इलाज- डॉ.अमित

img

महाराजगंज: कालाजार(ब्लैक फीवर) मरीजों के बीच औषधीय मच्छरदानी जिले के तरया सुजान प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पर सोमवार को वितरित की गयी। इस मौके पर प्रभारी चिकित्सा डॉ.अमित राय ने कहा कि कालाजार उन्मूलन के लिए सतर्कता और जागरूकता जरूरी है। यदि कालाजार लक्षण वाले व्यक्ति दिखें तो उन्हें तत्काल जांच कराने तथा सरकारी अस्पताल पर इलाज कराने की सलाह दें।

डॉ.अमित राय ने मरीजों से भी अपील की है कि यदि उनके गांव व घर के आस-पास कालाजार के लक्षण वाले व्यक्ति दिखें तो इसकी सूचना आशा कार्यकर्ता व अन्य स्वास्थ्य कर्मियों के माध्यम से स्वास्थ्य विभाग को दें, ताकि उनकी भी जांच व उनका उपचार हो सके।

मच्छरदानी वितरण कार्यक्रम में क्षेत्र के 25 मरीजों के परिवारों को तीन-तीन मच्छरदानी दी गयी। उन्होंने यह भी बताया कि कालाजार मरीजों को 500 रूपये तथा पीकेडीएल मरीज (चमड़ी वाला कालाजार) को 4000 रुपये इलाज के बाद श्रमह्रास के रूप में दिया जाता है। कालाजार प्रभावित गाँवों में निरोधात्मक कार्यवाही भी जारी है।

इस अवसर पर स्वास्थ्य निरीक्षक संजय सिंह ने कालाजार की रोकथाम के लिए किये जा रहे सरकारी प्रयासों के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि कालाजार की वाहक बालू मक्खी जमीन से छह फीट की ऊंचाई तक उड़ सकती हैं। ऐसे में दवा का छिड़काव घर के अंदर तथा बाहर छह फीट तक कराना है। लोगों को बताया जाए कि छिड़काव के बाद तीन माह तक छिड़काव स्थल पर पुताई नहीं होनी चाहिए। कार्यक्रम में पाथ संस्था के ब्लॉक मानीटर मानव कुमार व बलबीर तथा लैब टेक्नीशियन रामाशीष उपाध्याय भी मौजूद रहे।

कार्यक्रम में जिन मरीजों को मच्छरदानी दी गयी, उनमें वीरेन्द्र प्रसाद, मनभावती, योद्धा, कांति देवी, सुरेन्द्र यादव, अंजलि, आंचल, किशन , शोभा यादव, सभावती, सुदर्शन पटेल, चंचल, रामचंद्र, चंद्रिका, बालिकरन, नीतू, अभयानंद, वंशी और पम्मी शामिल हैं।

क्या है कालाजार:

कालाजार की वाहक बालू मक्खी के काटने के बाद मरीज बीमार हो जाता है। उसे बुखार होता है और रुक-रुक कर बुखार चढ़ता-उतरता है। लक्षण दिखने पर मरीज को चिकित्सक को दिखाना चाहिए। इस बीमारी में मरीज का पेट फूल जाता है। भूख कम लगती है।

Related News