छात्रा से लगातार 18 दिनों तक होती रही हैवानियत व दरिंदगी

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गन्ने के खेत के बीच बने मकान में छात्रा को बंधक बनाकर आरोपी निरंतर 17-18 दिनों तक सामूहिक दुष्कर्म करते रहे। छात्रा के लापता होने तथा पुलिस की सक्रियता की खबरें प्रकाशित होने से घबरा कर आरोपियों ने खुद पीड़िता को बस में बैठाकर हरिद्वार भेजा। जिसकी सूचना पुलिसिया पूछताछ के दौरान सामने आयी है।

rape - Crime Against Women

पुलिस आरोपियों को लेकर रात कोतवाली ज्वालापुर पहुंची। पूछताछ के दौरान आरोपियों ने छात्रा के साथ सामूहिक दुष्कर्म की वारदात को अंजाम देना कबूल किया। पुलिस ने आरोपियों के विरूद्ध सम्बंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया। पुलिस ने आरोपियों को शनिवार को मेडिकल के बाद न्यायालय में पेश कर जेल भेज दिया।

कोतवाली ज्वालापुर प्रभारी निरीक्षक महेश जोशी ने बताया कि परिजनों से नाराज कक्षा 10 की छात्रा घर से चली गयी थी। जिसके सम्बंध में छात्रा की माता की ओर से 30 जनवरी को कोतवाली ज्वालापुर में गुमशुदगी दर्ज करायी थी, किंतु छात्रा का कोई सुराग नहीं लग पाने पर गुमशुदगी को अपहरण में तब्दील कर दिया था।

सीसीटीव से मिले अहम सुराग

जांच अफसरों ने सीसीटीवी कैमरों को खंगाला तो फुटेज में छात्रा ई-रिक्शा से ऋषिकुल की ओर जाते देखी गयी। जिसके बाद पुलिस ने ऋषिकुल तिराहे पर लगे सीसीटीवी कैमरों को खंगाला गया। जिसमें पुलिस को अहम सुराग मिले। इस सूचना के बाद पुलिस ने रूड़की और सहारनपुर बस अड्डे पर लगे सीसीटीवी कैमरों को खंगाला गया। किंतु कोई सुराग नहीं लगे, जिस पर पुलिस ने बस परिचालक से पूछताछ की गयी। जिस पर पुलिस जानकारी लगी कि छात्रा एक महिला के साथ बेहट पर उतरी थी। पुलिस ने उक्त महिला की जानकारी जुटाई तो वह ज्वालापुर निवासी निकली। जिससे पूछताछ की गयी।

उसने बताया कि छात्रा अकेली थी इसलिए वह उसके पास बैठ गयी। जिसने बताया था कि वह अकेली मेरठ अपनी बुआ के पास जा रही है। जिस पर उसने छात्रा को मेरठ की बस में बैठाया था।

पुलिस के खौफ से आरोपियों पीड़िता को बस में बैठाया

प्रभारी निरीक्षक महेश जोशी ने बताया कि इसी दौरान जांच में पता चला कि बस में छात्रा को चार युवक मिले। जिन्होंने छात्रा को अकेली पाकर उसके बातचीत करते हुए उसको विश्वास में ले लिया। जिस पर युवक छात्रा को अपने साथ ग्राम काशी परतापुर मेरठ में गन्ने के खेत के बीच बने मकान में ले गये। जहां पर युवकों ने छात्रा को बंधक बनाकर उसके साथ निरंतर 17-18 दिनों तक दुष्कर्म करते रहे, किंतु सोशल मीडिया समेत अन्य प्लेटफार्मो पर छात्रा के अपहरण की खबरे प्रसारित होने तथा छात्रा की तलाश में पुलिस के बढ़ते दबाव से घबराकर आरोपियों ने खुद छात्रा को हरिद्वार की बस में बैठा दिया।

छात्रा से पूछताछ के बाद पुलिस के पास आरोपियों के नामों की जानकारी के अलावा कुछ नहीं था। पुलिस ने आरोपियों तक पहुंचने के लिए फेसबुक की मदद लेते हुए नामों को सर्च किया गया। जिनमें दो आरोपियों की फोटो नजर आयी जिसको पीड़िता ने पहचान लिया। जिसके बाद आरोपियों तक पहुंचने के लिए पुलिस टीम ने एक योजना तैयार की। जिसके तहत एक आईडी तैयार कर आरोपियों से चैंटिग शुरू करते हुए उनका मोबाइल नम्बर लेकर सर्विलांस के आधार पर पुलिस टीम ने मेरठ से आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।

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