यूपी में वायरल फीवर (viral fever) तेजी से फैल रहा है। अस्पतालों में बुखार के मरीजों की लंबी लाइनें लगी हैं। OPD से लेकर वार्ड तक भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। नौनिहालों से लेकर बुजुर्ग तक लगभग सभी उम्र के लोग बुखार की चपेट में आ रहे हैं। इस बीच कोरोना के बढ़ते मामलों ने भी चिंता बढ़ा दी है। ज्यादातर मरीज कोरोना और वायरल फ्लू को लेकर कंफ्यूजन में आ गये हैं। हालात बिगड़ते देख अधिकारी टेस्टिंग और ट्रीटमेंट में तेजी लाने पर जोर दे रहे हैं।
बीते सप्ताह करीब 2 साल बाद KGMU में लगातार 2 दिनों में 6 हजार से ज्यादा मरीज आए थे। सोमवार को एक बार फिर यह आंकड़ा पांच हजार के पार पहुंच गया। इसमें बुखार के मरीजों की तादाद सबसे ज्यादा रही। KGMU के प्रवक्ता डॉ. सुधीर सिंह ने बताया कि OPD में आने वाले मरीजों में बुखार पीड़ितों की संख्या ज्यादा है। वायरल फीवर (viral fever) के अटैक से मरीजों को सचेत रहने की जरूरत है। हालांकि, ऐसे मरीजों को परेशान होने की जरूरत नही हैं। उनका समुचित इलाज किया जा रहा है।
लखनऊ, गोरखपुर, वाराणसी, मथुरा, प्रयागराज, आगरा, नोएडा, गाजियाबाद, कानपुर, मेरठ और मुरादाबाद में बुखार के मरीजों से अस्पतालों में लंबी कतारें लग रही हैं। KGMU के सेंटर ऑफ एडवांस स्टडीज के चीफ डॉ. ए के त्रिपाठी के बताया, “वायरल फीवर के अटैक का यह सबसे मुफीद समय है। यही कारण है कि सतर्कता बेहद जरूरी है। अगले 30 दिनों तक बेहद सावधानी बरतनी होगी। कोरोना और वायरल फीवर के लक्षणों में भी फर्क है। इसके उपचार में भी भिन्नता है। बुखार आने पर चिकित्सकीय इलाज के बिना खुद से दवा लेने की लापरवाही आपको भारी पड़ सकती है।” (viral fever)
डॉ. ए के त्रिपाठी का कहना है, “शरीर की कमजोर इम्युनिटी मौसम के बदलाव के समय बड़ी परेशानी का कारण बन सकती है। इस समय वायरल फीवर ज्यादा फैल रहा है। खासतौर पर बच्चे, गंभीर बीमारी से ग्रसित लोग और बुजुर्गों को ज्यादा सचेत रहने की जरूरत हैं। गंभीर लक्षण दिखने पर तुरंत किसी विशेषज्ञ डॉक्टर से संपर्क करें।”
बुखार, नाक बंद के साथ जुखाम, गले में खराश या इंफेक्शन, बदन दर्द, पेट से जुड़ी समस्या होना। लगातार तेज बुखार आना। ठंड लगकर बुखार का बने रहना। सर दर्द और बदन दर्द, जुखाम के भी कुछ लक्षण हो सकते हैं।
1.मास्क लगाएं।
2.इंफेक्शन से बचने के लिए फिजिकल डिस्टेंसिंग के नियम का पालन जरूर करें।
3.भीड़-भाड़ वाले इलाकों में बिना काम के घूमने जाने से बचें।
4.बरसात में भीगने से बचें। (viral fever)
5.रेगुलर हैंडवॉश करते रहे और सैनिटाइजर का प्रयोग भी करें।
6.बाहर बने खाद्य पदार्थ के सेवन से बचें।
7.बाजार में कटे फल भी न खाएं।
1.बुखार (viral fever) आने पर पैरासिटामोल लें।
2.अगर लगातार बुखार बना रहता है, तो 5 से 6 घंटे के अंतराल पर दोबारा बुखार की दवा ले सकते हैं।
3.एक-दो दिन से ज्यादा बुखार रहता है, तो किसी एक्सपर्ट चिकित्सक से जरूर सलाह लें।
4.लक्षण दिखने पर कोविड जांच भी कराएं। सरकारी अस्पतालों में इसकी फ्री टेस्ट की सुविधा उपलब्ध है।
5.ध्यान रहे, हालत गंभीर होने का इंतजार न करें। जरूरत पड़े, तो तुरंत हॉस्पिटल में भर्ती हो जाएं।
6.वायरल फीवर का असर 5 दिन तक रहता है, इस दौरान लिक्विड डाइट पर रहें।
7.वायरल फीवर या कोरोना दोनों ही मामलों में संक्रमित के शरीर में कमजोरी होती है। इसीलिए पौष्टिक आहार को जरूर शामिल करें।
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