अभी: अभी: इन 2 मुल्कों के बीच छिड़ा युद्ध, 36 टैंक के साथ फौज ने बोला हमला, 16 जवानों की मौत

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2 महत्वपूर्ण मुल्क अर्मेनिया एवं अज़रबैजान में जंग शुरू हो गई है। दोनों मुल्कों के बीच कई दशकों से सरहद किनारे पर एक हिस्से को लेकर विवाद चल रहा है, बीत कई महीनों से हालात तनावपूर्ण थी। मगर हाल ही में हालात बदले तथा युद्ध शुरू हो गया। इस लड़ाई में अबतक 16 फौजियों की जान चली गई है, जबकि 2 नागिरकों की भी मृत्यु हुई है।

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अजरबैजान के प्रेसिडेंट ने देश के नाम अपने संबोधन में नागरिकों को आश्वासन दिया है कि उनकी फौज को कुछ ही नुकसान हुआ है, मगर युद्ध जारी है। दूसरी तरफअर्मेनिया का दावा है कि उन्होंने अपने एक्शन में अज़रबैजान के 4 हेलिकॉप्टर, 36 टैंक तथा अन्य फौज के वाहनों को बर्बाद कर दिया है।

जानकारी के लिए बता दें कि अर्मेनिया और अज़रबैजान पड़ोसी मुल्क हैं, जो एशिया में ही आते हैं। पूर्व में दोनों ही सोवियत संघ का हिस्सा रहे हैं और यूरोप के निकट हैं। हिंदुस्तान से करीब 4 हजार किलोमीटर की दूरी पर स्थित अर्मेनिया तथा अज़रबैजान ईरान और तुर्की के बीच में आते हैं।

इस वजह से छिड़ा युद्ध

दोनों ही मुल्क सोवियत संघ (USSR) का अंग रहे हैं, मगर अस्सी के दशक के आखिर में जब USSR का पतन शुरू हुआ तो उसके बाद दोनों मुल्कों के बीच तनाव बढ़ा। ये पूरा विवाद नागरनो-काराबख क्षेत्र के लिए है, जो अर्मेनिया/अज़रबैजान के सरहदी क्षेत्र पर है। 1991 में भी दोनों देशों के बीच जंग के हालात बने थी, 3 वर्ष के संघर्ष के बाद रूस ने दखल दिया और 1994 में सीज़फायर हुआ।

वर्तमान में ये क्षेत्र यूं तो अज़रबैजान में पड़ता है, मगर यहां अर्मेनिया के हिस्से के लोग अधिक हैं ऐसे में अर्मेनिया की सेना ने इसे अपने कब्जे में लिया हुआ है। लगभग 4 हजार वर्ग किलोमीटर का ये पूरा क्षेत्र पहाड़ी है, जहां तनाव की स्थिति बनी रहती है।

वर्तमान तनाव 2018 में शुरू हुआ था, जब दोनों आर्मी ने सरहद से सटे क्षेत्र में अपनी सेनाओं को बढ़ा दिया था। अब ये तनाव युद्ध का रूप ले चुका है। यूरोप के कई मुल्कों ने दोनों देशों से शांति की अपील की है।

 

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