चेतावनी: कोरोना की वजह से भारत में बढ़े Diabetes के केस, नहीं संभले तो ले लेगा विकराल रूप

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कोलकाता। भारत में चिकित्सा विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि अगर समय रहते सेहत पर ध्यान नहीं दिया गया तो भारत विश्वभर में मधुमेह (Diabetes) की बीमारी को लेकर पहले नबंर पर आ सकता है क्योंकि हालिया शोध में इस बात का पता चला है कि कोरोना महामारी की वजह से मधुमेह के मामलों में तेजी से इजाफा हुआ है।

Diabetes

डॉक्टरों की मानें तो कोविड-19 से पीड़ित बहुत से मरीज उपचार के दौरान मधुमेह से गंभीर रूप से पीड़ित पाए गए। स्टडी में कहा गया है कि कोविड के इलाज में इस्तेमाल किये गए ‘स्टेरॉयड्स’ की वजह से मधुमेह (Diabetes) रोगियों की संख्या में निश्चित रूप से बढ़ोतरी हुई है। इसके साथ ही अनियमित लाइफस्टाइल ने भी मधुमेह की बीमारी को बढ़ाने में अहम भूमिका निभा रही है।

बता दें कि कोरोना विषाणु अगनाश्य में मौजूद बीटा कोशिकाओं के एसीई 2 रिसेप्टर्स का इस्तेमाल कर उन्हें अपने कंट्रोल में ले लेता है जिसके कारण पूर्ण रूप से मधुमेह (Diabetes) को नियंत्रित करने वाले हार्मोन का निर्माण नहीं होने पाटा और शरीर में शर्करा की मात्रा में वृद्धि होने लगती है।

विश्वभर में 42.2 करोड़ लोग मधुमेह (Diabetes) से ग्रसित

वर्तमान समय में समय में विश्वभर में 42.2 करोड़ लोग मधुमेह (Diabetes) से ग्रसित है, जिनमें से 7.7 करोड़ लोग सिर्फ भारत में हैं। एक अनुमान के अनुसार 2045 तक भारत की 76 फीसदी आबादी इसकी चपेट में आ सकती है। इस वर्ष विश्व मधुमेह माह 2021 की थीम मधुमेह के उपचार तक लोगों की पहुंच बनाना है।उम्मीद जताई जा रही कि भारत मधुमेह देखभाल सुविधाओं को आम लोगों तक पहुंचाने में भी विश्व की राजधानी बनेगा।

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