राजसमंद। जंगल में पानी की भीषण किल्लत होने की वजह से वन्य जीव अपनी प्यास बुझाने के लिए ग्रामीण इलाकों में घुस जा रहे हैं। ऐसा ही एक मामला राजस्थान के राजसमंद जिले की नमाणा पंचायत में देखने को मिला। यहां एक प्यासी मादा तेंदुआ प्यास बुझाने के लिए गांव-गांव में भटक रही थी। पानी नहीं मिलने की वजह से वह काफी परेशान हो गई और उसने गांववालों पर हमला करना शुरू कर दिया। मादा तेंदुआ के हमले में लगभग आठ लोग जख्मी हो गए। आखिर में ग्रामीणों ने लाठियों से पीट-पीटकर उसे मार डाला।
वन विभाग के अफसरों से मिली जानकारी मुताबिक इस मादा तेंदुएं की उम्र दो वर्ष थी। सूचना पर मौके पर पहुंचे वनकर्मियों ने तेंदुए के शव को अपने कब्जे में लेकर जांच की। तेंदुए के शरीर पर चोट के कई निशान पाए गए। हालांकि उसके दांत और नाखून सही सलामत हैं।
बताया जा रहा है कि मादा तेंदुआ पानी की तलाश में जंगल से भटकते हुए गांव में पहुंच गई। वह चार गांवों में घूमी लेकिन पानी नहीं मिला जिससे वह हिंसक हो गया और जो भी सामने आया उस पर हमला कर दिया।
इस मादा तेंदुए ने सबसे पहले नमाना पंचायत में मानपुरा निवासी मंजू गमेती (32) व उसके एक साल के बेटे विक्रम गमेती पर हमला कर उन्हें घायल कर दिया। इसके बाद अमलोई में पांच साल की पायल, कस्तूरी (45) व तीन साल के राहुल को हमला किया, फिर उसने फतहनगर के खेड़ा में भीमा (56) पर हमला बोला। इसके बाद वह बांका का गुढ़ा पहुंची। यहां उसने दो बुजुर्ग शंकरलाल गुर्जर व जयचंद गुर्जर पर अटैक किया।
वन विभाग के एसीएफ विनोद राय का कहना है कि तेंदुए को मारने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। तेंदुए का शव बांका का गुढ़ा में प्राप्त हुआ है। हालांकि तेंदुए पर हमले का कोई चश्मदीद अभी तक सामने नहीं आया है।