img

bihar water pollution: बिहार में भूजल प्रदूषण एक गंभीर संकट बनकर उभर रहा है। इससे लाखों लोगों की सेहत पर खतरा मंडरा रहा है। प्रदेश के 30,207 ग्रामीण वार्डों में उपलब्ध पानी पीने योग्य नहीं है और इसे पीने से लोग गंभीर बीमारियों का शिकार हो सकते हैं, जिनमें कैंसर जैसी जानलेवा बीमारियां भी शामिल हैं। ये चेतावनी हाल ही में बिहार आर्थिक सर्वेक्षण (2024-25) में दी गई है।

जानें रिपोर्ट में क्या बताया गया

राज्य के 4,709 वार्डों के भूजल में आर्सेनिक, 3,789 वार्डों में फ्लोराइड और 21,709 वार्डों में आयरन पाया गया है, जो इंसान की सेहत के लिए बहुत खतरनाक साबित हो सकता है। ये बात बिहार के लोक स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग (पीएचईडी) के अध्ययन में सामने आई है।

रिपोर्ट में ये भी जिक्र किया गया कि बिहार के 31 जिलों में भूजल प्रदूषण की समस्या गंभीर है। बक्सर, भोजपुर, पटना, सारण, वैशाली, लखीसराय, दरभंगा, समस्तीपुर, बेगुसराय, खगड़ा, मुंगेर, कैमूर, रोहतास, औरंगाबाद, गया, नालंदा, नवादा, शेखपुरा, जमुई, बांका, सुपौल, मधेपुरा, सहरसा,कटिहार, भागलपुर, सीतामढी, अररिया और किशनगंज जिलों में भूजल प्रदूषण की उच्चतम दर देखी गई है।

पानी में आर्सेनिक, फ्लोराइड और आयरन बहुत ज्यादा मात्रा में मौजूद होने से लोगों में कई प्रकार की स्वास्थ्य दिक्कतें पैदा हो सकती हैं। इन प्रदूषकों का असर पेट के संक्रमण से लेकर कैंसर जैसी जानलेवा बीमारियों तक हो सकता है। इसके साथ साथ लंबे समय तक इन तत्वों के संपर्क में आने से हड्डियों और गुर्दे की बीमारियां भी हो सकती हैं।