Wedding Muhurat 2022: 24 फरवरी से थम जायेंगे सभी मांगलिक कार्यक्रम, जानें क्यों

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साल 2022 में 14 जनवरी यानी मकर संक्रांति के दिन से मांगलिक कार्यक्रमों की शुरुआत हुई थी लेकिन अब 5 दिन बाद यानी 24 फरवरी से मांगलिक कार्यों पर विराम लग जायेगा। 24 फरवरी के बाद से अब सीधा डेढ़ महीने के लिए विवाह, गृहप्रवेश, मुंडन और नामकरण आदि संस्कार नहीं होंगे क्योंकि 24 फरवरी से देवगुरु बृहस्पति अस्त होने जा रहे हैं।

Jupiter sets

धार्मिक मान्यता है कि गुरु कि अस्त होने के दौरान मांगलिक कार्य करना शुभ नहीं होता। ऐसे में अब जब गुरु ग्रह का उदय होंगे तब फिर से मांगलिक कार्यों का शुभारंभ होगा। ज्योतिषी का कहना है कि गुरु 24 मार्च को उदय होंगे। उसके बाद सूर्य के मीन मलमास शुरू हो जाएंगे। ऐसे में अब कोई भी शुभ कर 15 अप्रैल के बाद ही किये जा सकेंगे।

ज्योतिषाचार्यों की मानें तो बृहस्पति देव 24 फरवरी से 24 मार्च तक अस्त रहेंगे। इस दौरान शुभकार्य नहीं किये जाते। इस बीच ही होलाष्टक लग जाएंगे और फिर उसके बाद सूर्य के मीन मलमास आरंभ हो जाएंगे। इस तरह 15 अप्रैल तक कोई मांगलिक कार्यक्रमों की मनाही होगी। 4 मार्च को फुलेरा दूज पर कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जा सकेगा। बता दें कि फुलेरा दूज को अबूझ मुहूर्त होता है।

ज्योतिषाचार्यों का कहना है कि 13 फरवरी को सूर्य ग्रह स्थान परिवर्तन कर मकर राशि से कुंभ राशि में प्रवेश कर चुके हैं। चूँकि कुंभ राशि में गुरु ग्रह पहले से ही मौजूद है। ऐसे में जब सूर्य ग्रह किसी दूसरे ग्रह के समीप जाते हैं तो उस ग्रह की शक्तियां कमजोर हो जाती है। इसे ही ग्रह का अस्त होना कहा जाता है।

ऐसे में अब सूर्य के करीब आने से गुरु ग्रह भी अस्त हो जायेंगे। शास्त्रों में गुरु ग्रह को शुभ कार्यों का कारक माना जाता है। ज्योतिषशास्त्र कि अनुसार बृहस्पति को धनु व मीन राशि का स्वामी ग्रह माना जाता है। ऐसे में गुरू के अस्त होने का इन राशियों पर प्रतिकूल असर पड़ेगा।

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