एक बार जब वजन बढ़ जाता है तो उसे घटाना बहुत मुश्किल हो जाता है। खास कर तब जब आपकी उम्र अधिक हो। युवाओं की अपेक्षा 50 से अधिक उम्र वालों के लिए वेट लॉस करना अधिक चुनौती भरा काम होता है। हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो 50 वर्ष की आयु के बाद मासंपेशियां कमजोर हो जाती हैं और लोगों का मेटाबॉलिक रेट भी वीक हो जाता है। वहीं इस उम्र की महिलाओं में मेनोपॉज के कारण से कई तरह के हार्मोनल बदलाव होने लगते हैं। ऐसे में वजन कम करना और मुश्किल हो जाता है। आज हम आपको बताएंगे इस उम्र के बाद वजन को किस तरह से नियंत्रित किया जा सकता है।
हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है की 50 साल के बाद लोगों को बॉडीवेट एक्सरसाइज में स्ट्रेंथ ट्रेनिंग शामिल करना चाहिए। ऐसा करने से मांसपेशियों को कम नुकसान पहुंचता है और मेटाबॉलिक रेट भी नहीं घटता है।
वेट लॉस के लिए खूब पानी पीना चाहिए क्योंकि पानी पूरे बॉडी सिस्टम को बड़ी आसानी से चलाता है। एक्सपर्ट्स कहते हैं कि एक दिन में कम से कम 8 गिलास पानी पीना चाहिए। हालांकि अगर आपको इससे अधिक पानी पीने की जरूरत महसूस होती है तो ज्यादा पिएं। खाने में सूप और पानी वाले फल-सब्जियां शामिल करें। इनमें कैलोरी कम होती है और भूख भी जल्द नहीं लगती।
कार्डियो एक्सरसाइज करने से न केवल आपका दिल दुरुस्त रहता है बल्कि ये मेटाबॉलिज्म को सही रखता है। हेल्थ एक्सपर्ट्स कहते हैं कि कार्डियोवैस्कुलर एक्सरसाइज का असर कुछ घंटों से लेकर कुछ दिनों तक शरीर में बना रहता है। अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के अनुसार उम्रदराज लोगों को हर हफ्ते कम से कम 150 मिनट तक कार्डियो ट्रेनिंग जरूर करनी चाहिए।
बहुत अधिक मीठा मतलब बहुत ज्यादा कैलोरी जिसका सीधा असर आपके फैट पर पड़ता है। मीठी चीजों में न्यूट्रिशन की मात्रा जीरो होती है। अगर आप वजन को नियंत्रित करना चाहते हैं तो सबसे पहले मीठा खाने की आदत पर कंट्रोल करें।
आप अपनी भूख और खाने की मात्रा पर ध्यान देकर खुद को फिट रख सकते हैं। लंबे समय तक इस आदत को बनाए रखने का असर वजन पर भी दिखता है। एक्सपर्ट्स कहते हैं कि जो लोग अपनी भूख और खाने की मात्रा की बीच संतुलन बना लेते हैं वे खाने एंजॉय करके खाते हैं और उनका वजन भी नहीं बढ़ता।
अधिक फाइबर खाने से पेट लंबे समय तक भरा रहता है और बार-बार भूख नहीं लगती। ऐसे में आप कुछ भी अनहेल्दी खाने से बच जाते हैं। फाइबर के लिए अपनी डाइट में सेम, दाल, फल, सब्जियां, साबुत अनाज, नट्स और बीज आदि शामिल कर सकते हैं।