3133 आंगनबाड़ी केंद्रों पर बच्चों का लिया जा रहा वजन, तैयार हो रही सूची

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महराजगंज ॥ बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग द्वारा सात जून से वजन सप्ताह का आगाज हुआ है।आगामी 24 जून तक मनाए जाने वाले वजन सप्ताह के अंतर्गत जिले के सभी 3133 आंगनबाड़ी केन्द्रों पर 0-5 वर्ष आयु वर्ग बच्चों का वजन लिया जाना है। वजन के आधार पर बच्चों को सैम और मैम श्रेणी में सूचीबद्ध करने का दिशा-निर्देश दिया गया है। वजन लेने के लिए आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को पहले ही प्रशिक्षित किया जा चुका है।

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जिला कार्यक्रम अधिकारी शैलेन्द्र कुमार राय ने बताया कि बच्चों को सुपोषित करने के लिए कुपोषण पर वार जरूरी है। ऐसे में कुपोषण की स्थिति को जानने के लिए बच्चों की उम्र के हिसाब से वजन और लंबाई पर ध्यान देना होता है। पोषण स्तर में सुधार लाने के लिए कुपोषण की सही समय पर पहचान जरूरी है। कुपोषण से ग्रसित बच्चों में बाल्यावस्था की बीमारियों और उनसे होने वाली मृत्यु का खतरा बढ़ जाता है।

वजन सप्ताह के अंतर्गत चिन्हित सैम और मैम का ब्यौरा बेसलाइन सर्वे माना जाएगा। इसी बेसलाइन सर्वे के आधार पर कुपोषण की रोकथाम के लिए पहली जुलाई से दो अक्टूबर तक ‘संभव अभियान’ चलाया जाएगा।

इसी क्रम में बाल विकास परियोजना कार्यालय परतावल से जुड़ी मुख्य सेविका सीमा दुबे की मौजूदगी में आंगनबाड़ी केन्द्र बसहिया खुर्द की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता पूनम शुक्ला ने 0-5 माह के बच्चों का वजन किया। वजन किए गए बच्चों में प्रिंस( 15 माह), जैकी( 16 माह),एंजल ( 28 माह),पन्ने यादव( 27 माह), शिवम यादव ( 19 माह), नूर मोहम्मद ( 5 माह) तथा आंचल( 43 माह) के नाम उल्लेखनीय है।

‘संभव’’ अभियान’ का मुख्य उद्देश्य

जिला कार्यक्रम अधिकारी ने बताया कि 17 जून से शुरू वजन सप्ताह 24 जून तक चलेगा। वजन लेने का काम आंगनबाड़ी केन्द्रों या किसी सामुदायिक स्थलों पर कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करते हुए किया जा रहा।

अल्प वजन और ऊंचाई व लंबाई के अनुसार गंभीर अल्प वजन वाले बच्चे चिन्हित किये जा रहे हैं। दिव्यांग बच्चों को भी चिन्हित किया जाएगा। इसी आधार पर जुलाई माह में विशेष ‘‘संभव अभियान’ (पोषण संवर्धन की ओर एक कदम) पहली जुलाई से दो अक्टूबर तक चलाया जाएगा। इस अभियान के दौरान सामुदायिक गतिविधियां आयोजित कर कुपोषण पर वार किया जाएगा।

सामुदायिक गतिविधियों में साप्ताहिक गृह भ्रमण, स्वास्थ्य जांच, चिकित्सकीय उपचार तथा अति कुपोषित बच्चों को पोषण पुनर्वास केन्द्र पर संदर्भित करने का काम किया जाएगा।

इसके बाद 20 से 25 सितम्बर के मध्य फिर से वजन सप्ताह का आयोजन कर कुपोषित बच्चों की सेहत में हुई प्रगति का आंकलन किया जाएगा। जुलाई माह मातृ पोषण, अगस्त माह जीवन के पहले 1000 दिवस और सितंबर माह में कुपोषित बच्चों के उपचार पर फोकस रहेगा।

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