नई दिल्ली॥ इरान व सऊदी अरब के बीच की दुश्म़नी, ईरान एवं अमेरिका की दुश्मनी से अलग नहीं है। सऊदी और अमेरिका में गहरे संबंध हैं जबकि ईरान के साथ दोनों देशों के संबंध ठीक नहीं हैं। सीरिया, इऱाक और यमन से लेकर लेबनान तक में ईरान और सऊदी अरब आमने-सामने हैं।
इन देशों में बाहुबली सुलेमानी ही ईरानी अभियान का नेतृत्व कर रहे थे। जब शुक्रवार को अमेरिका ने इराक के बग़दाद में जनरल क़ासिम सुलेमानी को हवाई हमले में मार दिया तो सबको इस बात का इंतज़ार था कि सऊदी अरब की प्रतिक्रिया क्या होगी।
अरबी मीडिया के मुताबिक, सऊदी अरब ने ईरानी सैन्य कमांडर क़ासिम सुलेमानी के मारे जाने पर संयम बरतने की अपील की है। अख़बार के अनुसार सऊदी ने कहा कि इराक में जो कुछ हुआ वो बढ़ते तनाव और आतंकवादी गतिविधियों का परिणाम है। हमने पहले ही इसे लेकर चेतावनी दी थी।
दोनों की बातचीत को सऊदी प्रेस एजेंसी ने भी जारी किया है। बयान के मुताबिक, महाराजा सलमान ने इराक़ के प्रेसिडेंट से कहा कि सऊदी अरब के लिए इराक़ भाई की तरह है और वो तनाव कम करने के लिए हर कदम उठाएंगे। तो वहीं सूत्रों की माने तो सऊदी भी इरा़ऩ के साथ आ सकता है। जिससे ट्रंप की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
आपको बता दें कि सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन-सलमान को अमरीकी विदेश मंत्री माइक पॉम्पियो ने फ़ोन किया था और हालात की जानकारी दी थी। रिवॉल्यूशनरी गार्ड्स के कुद्स आर्मी के चीफ कमांडर सु़लेमानी को ईरान के सर्वोच्च नेता आयतु़ल्लाह अली ख़ामेनेई के बाद सबसे शक्तिशाली माना जाता था।