लखनऊ। हे राम! उत्तर प्रदेश (Uppolice) को आखिर क्या हो गया है? ये कौन सी सख्त क़ानून-व्यवस्था है, जिसमे जनता खासतौर से महिलाओं का जीना दूभर हो गया है। कहीं पर चीरहरण हो रहा है तो कहीं पर दिन दहाड़े हत्याएं हो रही हैं। सरकार कहती है कि प्रदेश में क़ानून-व्यवस्था (Uppolice) चुस्त-दुरुस्त है। अपराधी या तो जेल में हैं या फिर प्रदेश छोड़कर भाग गए हैं।
माफियाओं की संपत्तियां जब्त की जा रही हैं। प्रदेश से भय और भ्रष्टाचार खत्म हो चुका है। चारो तरफ अमन और शान्ति है। हालांकि सरकार के दावों से इतर जमीन पर विपरीत तस्बीरें नजर आती हैं।
ताजा मामला कानपुर देहात के भोगनीपुर थाने के गांव दुर्गदास पुर का है, जहां सम्बन्धित चौकी इंचार्ज महेन्द पटेल और चार सिपाहियों ने एक परिवार पर कहर ढहा दिया।
इस मामले में अहम बात यह है कि पीड़ित पछ के विरूद्ध कोई एनसीआर तक नहीं है। दरअसल, पीड़ित परिवार ने गत 16 जुलाई को सम्बन्धित मामले को लेकर बिल्हौर विधायक भगवती प्रसाद सागर से मिलकर परिवार के साथ कोई अप्रिय घटना होने का अंदेशा जताया था। विधायक ने मामले को संज्ञान लेते हुए आईजी कानपुर जोन को अवगत करा दिया था। इससे आगबबूला हुए चौकी इंचार्ज ने महिलाओं पर कहर ढा दिया।
उल्लेखनीय है कि जिला पंचायत और ब्लाक प्रमुख चुनाव के दौरान प्रदेश में महिलाओं के साथ हिंसा की कई खबरें आई थी। लखीमपुर में चीरहरण की कोशिशें हुई। इन घटनाओं को अभी चन्द रोज भी नही हुए कि पुलिस ने आपा खो दिया। ये चंद घटनाएं तो सिर्फ बानगी हैं। प्रदेश में इस तरह की घटनाये आम हो चुकी हैं।
Lord Shiva की विशेष कृपा प्राप्त करने के लिए ऐसे करें आराधना