क्या असर होगा पोप की संभावित भारत यात्रा का

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रोम: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कल पोप से मुलाकात तो रोम में किया और उन्हें भारत आने के लिए आमंत्रित किया लेकिन उसका प्रभाव भारत में तुरंत दिख गया .दक्षिण भारत में ईसाई समुदाय की सर्वोच्च संस्था केरल कैथोलिक बिशप परिषद (केसीबीसी) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पोप फ्रांसिस की रोम में हुई मुलाकात का स्वागत करते हुए शनिवार को कहा कि पोप को भारत आमंत्रित करने का फैसला ऐतिहासिक है. जी20 शिखर सम्मेलन में शामिल होने इटली गये प्रधानमंत्री मोदी ने रोमन कौथोलिक चर्च के प्रमुख को भारत आने का न्योता दिया है.

meeting the pope

केसीबीसी ने एक विज्ञप्ति में कहा, ‘‘पोप फ्रांसिस को भारत आमंत्रित करना ऐतिहासिक फैसला है और यह दुनिया के देशों के बीच भारत के कद को बढ़ाएगा. उनकी यात्रा से दोनों देशों के बीच कूटनीतिक संबंध मजबूत करने में मदद मिलेगी. इससे ईसाई धर्म और अन्य धर्मों के अनेक पंथों के बीच संबंधों को मजबूत करने में भी मदद मिलेगी.’’

केसीबीसी के अध्यक्ष कार्डिनल एम जॉर्ज एलेनचेरी ने कहा कि समस्त भारतीय, खासतौर पर ईसाई धर्मावलंबी मोदी के पोप को दिये गये निमंत्रण के बारे में जानकर प्रसन्न हैं. उन्होंने कहा, “हमें उम्मीद है कि पोप जल्द भारत की यात्रा करेंगे. पोप की यात्रा बहुलवादी भारत में भाईचारा और सहयोग को मजबूत करने का मार्ग प्रशस्त करेगी.”
कटक-भुवनेश्वर के आर्कबिशप और ओडिशा में चर्चों के प्रमुख जॉन बरवा ने भी पोप फ्रांसिस से पीएम मोदी की मुलाकात पर अपनी प्रसन्नता जाहिर की.

उन्होंने कहा, “भारतीय ईसाई बहुत खुश हैं कि हमारे पीएम हमारे पोप से मिले हैं. निश्चय ही संबंध प्रगाढ़ होंगे. हम कई वर्षों से इस बैठक का इंतजार कर रहे थे. हम खुश हैं और इसके बारे में गर्व महसूस करते हैं.”

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