भाजपा की नई सरकार में क्या होगी केशव प्रसाद मौर्य की स्थिति

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प्रयागराज : विधानसभा चुनाव में डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य की हार के बाद अब हर जुबान पर बस यही चर्चा है कि केशव दोबारा डिप्टी सीएम बनेंगे या नहीं। सिराथू के परिणाम से हर कोई स्तब्ध रह गया है। भाजपा के कद्दावर नेता माने जाने वाले केशव मौर्य का भविष्य क्या होगा इसको लेकर चर्चा तेज हो गई है। अपने कार्यकाल में उन्होंने प्रयागराज शहर सहित कौशाम्बी के सिराथू में काफी विकास कार्य कराया था जिसका फायदा चुनाव में भाजपा को मिला।विधानसभा चुनाव हारने के बावजूद वे विधानपरिषद के सदस्य तो हैं ही और उनका परिषद काल कार्यकाल डेढ़ साल बाद खत्म होगा ! अतः उनके मंत्री बनने में कोई संवैधानिक दिक्कत नहीं है !

Keshav Prasad Maurya - B J P

भाजपा के फायरब्रांड नेता माने जाने वाले केशव संघ की पृष्ठभूमि से हैं। विश्व हिंदू परिषद से वह काफी समय तक जुड़े रहे और विहिप के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक सिंघल के काफी करीबी रहे। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रहने के दौरान 2017 में उन्होंने पार्टी को विधानसभा चुनाव में प्रचंड बहुमत से जीत दिलाई थी। उनका नाम सीएम की रेस में था हालांकि बाद में पार्टी ने योगी आदित्यनाथ के नाम पर मुहर लगाई।

2012 में सिराथू से विधायक चुने जाने के बाद वह 2014 में फूलपुर लोकसभा सीट से सांसद भी बन गए और फिर 2017 में पार्टी के सत्ता में आने के बाद डिप्टी सीएम की कुर्सी तक पहुंच गए। केशव का कद कुछ ही साल में तेजी से बढ़ा, लेकिन 2022 के विधानसभा चुनाव में सिराथू से पराजय के बाद अब असमंजस के बाद मंडराने लगे हैं।     स्वामी प्रसाद मौर्य सहित मौर्य, शाक्य, सैनी बिरादरी के कई नेताओं के विधानसभा चुनाव के पहले पाला बदलकर सपा में जाने के कारण इस बिरादरी के लोगों को भाजपा में जोड़ने रखने की जिम्मेदारी पूरी तरह से केशव मौर्य पर आ गई थी, जिसका निर्वहन भी उन्होंने पूरी मेहनत और निष्ठा के साथ किया।

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