जब भारतीय टीम के कोच ने वीरू को मारा था तमाचा, कप्तान गांगुली ने भी खो दिया आपा; जानें पूरा माजरा

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मौजूदा समय में भले ही क्रिकेट के दिग्गज खिलाड़ी वीरेंद्र सहवाग मैदान पर नजर नहीं आते हैं, किंतु एक समय ऐसा भी था जब क्रिकेट फैंस उनकी तेज बैटिंग के दीवाने हुआ करते थे।

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हालांकि आज भी लाखों लोग वीरु के फैन हैं। दरअसल वीरु क्रिकेट के ऐसे बैट्समैन थे जो 22 गज की पिच पर रन लेने के लिए नहीं बल्कि खड़े होकर चौके-छक्के मारने में भरोसा रखते थे। मगर आज हम आपको वीरु की लाइफ से जुड़ी एक ऐसी घटना के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसने उस वक्त खूब हंगामा किया था। हालांकि बाद में सीनियर बैट्समैन सचिन तेंदुलकर ने मामले को ठंडा कराया।

वीरु को मार दिया था तमाचा

वाक्या सन् 2002 का है, जब टीम इंडिया वनडे सीरीज खेलने इंग्लैंड गई थी। तब टीम के मुख्य कोच जॉन राइट व कप्तान सौरव गांगुली थे। मगर इस श्रंखला में वीरु बढ़िया प्रदर्शन नहीं कर पाए। वह निरंतर आउट होकर पवेलियन लौट जाते थे।

कप्तान सौरव गांगुली को भी आया था गुस्सा

तभी टीम के कोच जॉन राइट को बहुत गुस्सा आया और फिर उन्होंने गुस्से में आकर वीरु को तमाचा जड़ दिया। तत्पश्चात, जब इस मामले की खबर कप्तान सौरव गांगुली को हुई तो वो कोच पर भड़क गए और फिर टीम के मैनेजर राजीव शुक्ला से मांग करने लगे की कोच को सहवाग से मांफी मांगी होगी।

फिर मैनेजर इस मामले में जॉन राइट से बात करने पहुंचे तो उन्होंने सफाई देते हुए कहा की मैंने थप्पड़ नहीं मारा सिर्फ धक्का दिया था, और मैंने एक गुरू के तौर पर अपना गुस्सा निकाला था।

तेंदुलकर ने ऐसे कराया मामला ठंडा

मगर गांगुली इसके बाद भी इस बात पर अड़े रहे की जॉन राइट को वीरू से मांफी मांगनी होगी। इस बात का खुलासा खुद राजीव शुक्ला ने सन् 2013 में किया था। उन्होंने बताया की जब ये मामला बहुत आगे बढ़ गया तो फिर तेंदुलकर ने ये मामला ठंडा कराया था।

तेंदुलकर उन्हें एक ओर ले गए और उनसे ये तर्क देते हुए कहा की अगर कोच माफ़ी मांगते है तो टीम में उनकी इज्जत कम हो जायेगी। जिससे टीम को ही नुकसान होगा। इसके बाद मैनेजर राजीव शुक्ला ने वीरू को ये बात समझाई, और सहवाग मान गए और बोले की कोच को अब माफी मांगने की आवश्यकता नहीं। तब जाकर ये मामला कही ठंडा हुआ।

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