जब स्वास्थ्य मंत्री को ही अस्पताल के गार्ड ने मार दिया था डंडा, मनसुख मांडविया ने खुद किया घटना का खुलासा

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कोरोना काल में जब देश के लगभग सभी अस्पतालों में ऑक्सीजन और व्यवस्थाओं को लेकर हाहाकार मचा हुआ था, तब केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने कई अस्पतालों का निरीक्षण किया था। उस दौरान का एक किस्सा सुनते हुए उन्होंने बताया कि जब वह एक आम आदमी बनकर दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल का निरीक्षण करने गए थे तो वह वहां कि एक बेंच पर बैठ गए थे उस समय अस्पताल के एक एक गार्ड ने उन्हें डंडा मार दिया था।

Union Health Minister Mansukh Mandaviya

मनसुख मांडविया ने यह किस्सा सफदरगंज अस्पताल में चार स्वास्थ्य संबंधी सुविधाओं के उद्घाटन समारोह में सुनाया तो कार्यक्रम में मौजूद सभी लोग हैरान रह गए। केंद्रीय मंत्री ने नए आक्सीजन प्लांट, कोरोना के इलाज के लिए तैयार अस्थायी अस्पताल सहित चार सुविधाओं का शुभारंभ किया।

मांडविया ने बताया कि इस औचक निरीक्षण में उन्हें अस्पताल में व्याप्त बहुत से अव्यवस्थाएं भी देखने को मिलीं। उन्होंने बताया कि उस समय अस्पताल में करीब 75 साल की एक बुजुर्ग महिला को उसके बेटे के लिए स्ट्रेचर की आवश्यकता थी, लेकिन महिला को स्ट्रेचर दिलाने व स्ट्रेचर ले जाने में अस्पताल में मौजूद सुरक्षा गार्डों ने कोई मदद नहीं की।

मांडविया ने कहा अस्पताल में ऐसी व्यवस्था होनी चाहिए कि मरीजों को बिल्कुल दिक्कत न हो। अगर अस्पताल में 1500 गार्ड हैं तो ये स्ट्रेचर ले जाने में बुजुर्ग महिला की मदद क्यों नहीं कर सकते। उन्होंने निर्देश दिया कि इमरजेंसी ब्लाक में पर्याप्त संख्या में सुरक्षा गार्ड तैनात किए जाने चाहिए।

स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि उन्होंने उस पूरी घटना की जानकारी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दे दी थी तो उन्होंने पूछा कि क्या जिस गार्ड ने डंडा मारा, उसे उन्होंने निलंबित कर दिया? जवाब में स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि नहीं, क्योंकि वह सिर्फ एक व्यक्ति को नहीं बल्कि पूरी व्यवस्था को बेहतर बनाना चाहते हैं। वहीं मांडविया ने कोरोना के इलाज में डाक्टरों द्वारा किए गए कार्यों की सराहना की और कहा कि सभी डाक्टरों को टीम वर्क के रूप में काम करना चाहिए।

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