जहां कोई जिन्दा नहीं बचता, वहां दो महीने तक रहा ये शख्स, परिवारवालों ने छोड़ दी थी उम्मीद

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साइबेरिया के ‘आइस किंगडम’ में दो महीने से अधिक समय तक लापता रहने के बाद एक व्यक्ति को चमत्कारिक रूप से जिन्दा बच गया है। कहते हैं कि ये इलाका इतना ठंडा है कि यहां कोई भी इंसान जिन्दा नहीं बच सकता लेकिन 45 वर्षीय येगोर क्रिवोशापकिन को धरती के सबसे ठंडे आबादी वाले क्षेत्र में जीवित पाया गया। दरअसल येगोर यहां आकर लापता हो गया था। हालाँकि बचाव दल ने दो सप्ताह तक उसकी खोज की लेकिन वह नहीं मिला। इसके बाद बचाव दल ने भी उसके जीवित होने की उम्मीद छोड़ दी और वापस चले गए।

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बता दें कि डैड-ऑफ-थ्री को साइबेरिया के “आइस किंगडम” के याकूतिया में लगभग 190 मील की दूरी पर पाया गया था। येगोर यही लापता हो गया था। येगोर इस क्षेत्र में घूमने वाले भूरे भालू और भेड़ियों के हमले से बच गया। येगोर क्रिवोशापकिन अगस्त में लापता हो गया था, जो गर्मियों का आखिरी समय होता है। अगस्त के आखिरी दिनों में यहां का तापमान -20C तक गिर गया था।

येगोर क्रिवोशापकिन के रिश्तेदारों का मानना था कि “ऐसी परिस्थितियों में कोई भी जीवित नहीं रह सकता है, आपको यथार्थवादी होने की आवश्यकता है”, लेकिन उन्होंने कभी उम्मीद नहीं छोड़ी।  परिवार ने मारिया कुप्रियनोवा को काम पर रखा, जिसे सनाया के नाम से जाना जाता है, जिसने भविष्यवाणी की थी कि वह येगोर क्रिवोशापकिन को जरूर वापस लाएगा।’ जिस जगह पर येगोर मिला, वह उस जगह से बहुत दूर है जहां से वह लापता हुआ था।

येगोर को बटागे अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया है। येगोर क्रिवोशापकिन इससे पहले जुलाई 2019 में भी लापता हो गए थे तब वह एक जंगल से लापता हुए थे जहाँ पर आग लग गयी थी। उस वक्त भी छह सप्ताह तक लापता होने के बाद बचाव दल ने यह मानते हुए हार मान ली थी कि उसे भालू या भेड़ियों ने खा लिया है, लेकिन येगोर वापस आ गए थे।

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