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शनिवार की सवेरे उत्तर-पूर्वी दिल्ली के मुस्तफाबाद में एक दिल दहला देने वाली त्रासदी ने कई परिवारों को बर्बाद कर दिया। शक्ति विहार में एक चार मंजिला इमारत के ढहने से 11 लोगों की मौत हो गई, जिनमें तीन बच्चे और एक ही परिवार के सात सदस्य शामिल थे। इस हादसे में 11 अन्य लोग घायल हुए, और बचाव अभियान 12 घंटे से ज्यादा समय तक चला। इस घटना ने न केवल स्थानीय समुदाय को झकझोर दिया, बल्कि पूरे देश में इमारतों की सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े कर दिए।
क्या हुआ था उस सवेरे?
यह दुखद घटना सुबह लगभग 3 बजे शक्ति विहार की गली नंबर 1 में हुई। एक चार मंजिला इमारत, जिसमें भूतल पर दुकानें और ऊपरी मंजिलों पर आवासीय इकाइयां थीं, अचानक ढह गई। मलबे में 22 लोग फंस गए थे। मरने वालों में इमारत के मालिक तहसीन (60), उनके बेटे नजीम (30), बहू शाहिना (28), तीन पोते अनस (6), आफरीन (2), अफान (2), और छोटे बेटे की पत्नी चांदनी (23) शामिल हैं।
तहसीन की बहन संजीदा ने रोते हुए कहा कि मेरा पूरा परिवार बर्बाद हो गया। हमने एक पल में सब कुछ खो दिया।
मृतकों में दो भाई, दानिश (23) और नावेद (17), भी शामिल हैं, जो तीसरी मंजिल पर रहते थे। ये दोनों अपने परिवार के लिए कमाने वाले मुख्य सदस्य थे। उनके माता-पिता, शाहिद और रेहाना, घायल हैं और उनका इलाज चल रहा है।
एक अन्य पीड़ित, रेशमा (38), ने अपने पति और तीन बच्चों को सुरक्षित निकालने में मदद की, मगर खुद गंभीर रूप से घायल हो गईं। उनके भाई सोनू अब्बास ने बताया कि वह कुछ देर के लिए होश में आई और उसने सुनिश्चित किया कि उसका परिवार सुरक्षित है। फिर उसकी सांसें थम गईं।
तहसीन की पत्नी जीनत (58) और बेटा चांद (25) इस हादसे में बच गए। चांद को अस्पताल से छुट्टी मिल चुकी है, जबकि जीनत अभी निगरानी में हैं।