दूसरी इनिंग में क्यों ज्यादा जोश में होते हैं गेंदबाज मोहम्मद शमी, पेसर ने बताया फॉर्मूला

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नई दिल्ली॥ मोहम्मद शमी का हुनर है कि जब टेस्ट की दूसरे पारी में अन्य खिलाड़ी थक जाते हैं, तब वह अपने प्रदर्शन के लेवल को ऊपर उठाते हैं। इस इंडियन पेसर ने भी माना कि वह दूसरी पारी में अधिक दमदार रहते हैं। शमी का रिकॉर्ड भी इस बात की गवाही देता है कि वह दूसरी पारी में अधिक असरदार रहते हैं। उन्होंने पहली पारी में 32.50 की औसत से 92 विकेट लिये हैं, जबकि दूसरी पारी में महज 21।98 की औसत से 88 विकेट निकाले हैं।

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शमी ने कहा कि मैं दूसरी पारी में खेल का इस्तेमाल बहुत दिमाग से करता हूं। जैसे हाल ही में हम विशाखापत्तनम (साउथ अफ्रीका के विरूद्ध) में खेले थे, जहां मुझे 5 विकेट मिले, पिच बहुत खराब थी और जरूरी उछाल भी नहीं मिल रहा था।

शमी ने कहा कि आपको परिस्थितियों का चालाकी से इस्तेमाल करने की आवश्यकता होती है। मैं आमतौर पर दूसरी पारी में अधिक जोश मे होता हूं, जब दूसरे खिलाड़ी थक जाते हैं। उन्होंने कहा कि आम तौर पर दूसरी पारी के वक्त तक हर कोई मैदान पर तीन दिन बिता चुका होता है। मैं डीजल इंजन की तरह हूं, जो पेट्रोल इंजन की तुलना में पिक अप लेने में थोड़ा समय लेता है। मैं हर किसी के थकने का इंतजार करता हूं। टेस्ट में आपके पास 5 दिनों का वक्त होता है, जब सब थक जाते है तब मैं अपना स्तर ऊंचा करता हूं।

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शमी ने ये भी खुलासा किया कि नई गेंद से गेंदबाजी के मामले में कप्तान विराट कोहली ये फैसला पेसरों पर छोड़ देते हैं। उन्होंने कहा, ‘हम विराट से इस बारे में पूछते हैं, लेकिन आम तौर पर वो कहते हैं कि इसका फैसला हमारे गेंदबाज ही करें।’

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