हर बार क्यों गणतंत्र दिवस पर आती है आतंकियों के पकड़े जाने की खबर – शिवसेना

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इस बार गणतंत्र दिवस से पहले इसको लेकर कई बार राजनीति की गई है. आपको बता दें कि एक बार फिर गणतंत्र दिवस से कुछ दिन पहले ही शिवसेना ने इसको लेकर तंज कसा है. शिवसेना ने गणतंत्र दिवस से पहले आतंकियों पर होने वाली कार्रवाई को लेकर अपने मुखपत्र सामना में सरकार पर तंज कसा है. शिवसेना ने लिखा है कि स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस समारोह के नजदीक आते ही एक खबर की प्रतीक्षा सबको रहती है.

आपको बता दें कि संपादकीय में लिखा गया है कि मानो ये खबर गणतंत्र दिवस की सूचना लेकर ही आती है. इस बार भी ऐसी खबर सरकारी विभाग से आई है. कश्मीर पुलिस ने गणतंत्र दिवस पर हमले की साजिश को नाकाम कर दिया है. अब एक खबर और बहुत जल्द दिल्ली की ओर बढ़ेगी, जिसमें दिल्ली में स्वतंत्रता दिवस पर हमला करने की फिराक में घुसे चार-पांच सशस्त्र आतंकियों को गिरफ्तार किया गया है.

गौरतलब है कि शिवसेना के मुखपत्र में लिखा गया है कि प्रधानमंत्री मोदी पर भी हमला करने की योजना थी. ऐसी खबरें अब लोगों के लिए नई नहीं हैं. स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस आते ही आतंकी बम-बंदूकें लेकर अपनी बिल से बाहर निकलते हैं. कैलेंडर लेकर ही वे बिल में पड़े रहते हैं और राष्ट्रीय समारोह की तारीखों को देखते ही बाहर निकल आते हैं.

वहीं फिर उनके बाहर आने के बाद साजिश को कैसे नाकाम किया गया, ऐसी खबरें प्रकाशित होती हैं. ये गत कई वर्षों से जारी है. इसके साथ ही सामना के संपादकीय में जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के फैसले को ऐतिहासिक बताते हुए केंद्र सरकार को कटघरे में भी खड़ा किया गया है. सामना में लिखा है कि जम्मू कश्मीर के मामले में जो दंत कथा थी, वह दूर हुई. अब केंद्र शासित प्रदेश हो चुका है. वहां केंद्र की सत्ता का मतलब राष्ट्रपति शासन चल रहा है.

ज्ञात हो कि इसमें यह लिखा गया है कि जनता आनंदित हुई, लेकिन जो आनंद सैनिकों की बंदूकों की जोर-जबरदस्ती पर टिकी है वो तस्वीर बदलनी चाहिए. अनुच्छेद 370 हटने का आनंद गणतंत्र दिवस समारोह में दिखना चाहिए. कश्मीर के हर घर में तिरंगा लहराते दिखना चाहिए.

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