क्या गैर मुस्लिमों की भूख हड़ताल से बांग्लादेश के कट्टरपंथियों पर असर पड़ेगा

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ढाका : बांग्लादेश में कट्टरपंथियों द्वारा हिंदुओं के खिलाफ की जा रही घटनाओं पर प्रभावी नियंत्रण नही हो पा रहा है . वहाँ की प्रधानमंत्री का प्रयास बयानबाजी तक ही सिमित रह गया है .अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय डरा हुआ है और विश्वसमुदाय का ध्यान आकर्षित करने के लिए अब आगामी 23 अक्टूबर से देशव्यापी सामूहिक भूख हड़ताल करने जा रहा है .कल शाम को ढाका में इसकी विधिवत घोषणा की गई .

बांग्लादेश में कई दिनों से जारी सांप्रदायिक हिंसा की हालिया घटना में एक हिंदू मंदिर में फिर तोड़फोड़ की गई है. इससे पहले कथित ईशनिंदा को लेकर अज्ञात मुस्लिम कट्टरपंथियों ने मंदिरों में तोड़फोड़ की थी और हिंसा फैलाई थी.

खबर के मुताबिक, बांग्लादेश में विभिन्न जगह दुर्गा पूजा स्थलों पर हमले के विरोध में प्रदर्शन कर रहे लोगों पर हमले के बाद ताजा झड़प हुई. फिर देश की राजधानी से करीब 157 किलोमीटर दूर फेनी में हिंदुओं के मंदिर और दुकानों में शनिवार को भी तोड़फोड़ और लूटपाट की गई थी .इसमें बताया गया कि झड़पों में फेनी मॉडल पुलिस थाने के प्रभारी निजामुद्दीन समेत कम से कम 40 लोग घायल हो गए.

रिपोर्ट में बताया गया कि शाम साढ़े चार बजे शुरू हुई झड़प देर रात तक चली और इस दौरान कई मंदिरों, हिंदुओं के व्यवसायों पर तोड़फोड़ की गई और लूटपाट भी हुई. इसके बाद रात को अधिकारियों ने अतिरिक्त पुलिस बल और अर्द्धसैनिक बल की तैनाती की.

बताया गया कि शनिवार को भी कुछ उपद्रवियों ने मुंशीगंज के सिराजदीखान उपजिला के राशुनिया यूनियन में दानियापरा महा शोषान काली मंदिर में छह मूर्तियों को क्षतिग्रस्त किया था . इसमें बताया गया दुर्गा पूजा उत्सव के दौरान हिंदू मंदिरों पर हमलों और तोड़फोड़ के विरोध में देशभर में शनिवार को भी प्रदर्शन हुए थे .

इस बीच, देश के दक्षिण-पूर्वी शहर चटगांव में बांग्लादेश हिंदू बौद्धिस्ट क्रिश्चियन यूनिटी काउंसिल ने दुर्गा पूजा समारोह के दौरान हुए हमलों के विरोध में 23 अक्टूबर से धरना और अनशन की घोषणा की है . परिषद के महासचिव राणा दासगुप्ता ने चटगांव में कहा कि ढाका के शाहबाग और चटगांव के अंद्राकिला में विरोध प्रदर्शन किया जाएगा

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