कश्मीर को पकिस्तान धीरे धीरे अंतर्राष्ट्रीय मंच पर खींच रहा है, जबकि भारत ने ये ऐलान कर दिया है कि ये उसका आंतरिक मामला है कोई और देश इसके बीच नहीं पड़े. वहीँ मलेशिया के बाद अब तुर्की ने पाकिस्तान का समर्थन करते हुए कश्मीर मुद्दे पर सवाल खड़ा कर दिया है. बता दें कि भारत पहले भी कश्मीर के मुद्दे पर तुर्की से आपत्ति जता चूका हैं.
वहीं आपत्ति के बावजूद तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन ने शुक्रवार (14 फरवरी) को एक बार फिर कश्मीर मुद्दा उठाया और कहा कि उनका देश इस मामले में पाकिस्तान के रुख का समर्थन करेगा क्योंकि यह दोनों देशों से जुड़ा विषय है। बता दें कि दो दिन की यात्रा पर यहां पहुंचे एर्दोआन ने पाकिस्तान की संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए ऐलान किया कि तुर्की इस सप्ताह पेरिस में वित्तीय कार्रवाई कार्यबल (एफएटीएफ) की ग्रे सूची से बाहर होने के पाकिस्तान के प्रयासों का समर्थन करेगा।
इसके साथ ही उन्होंने एफएटीएफ की आगामी बैठक के संदर्भ में कहा, ”मैं इस बात पर भी जोर देना चाहता हूं कि हम एफएटीएफ की बैठकों में राजनीतिक दबाव के संदर्भ में पाकिस्तान का समर्थन करेंगे।”वहीँ आगे कहा कि पिछले साल अगस्त में जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त करने के भारत के फैसले के परोक्ष संदर्भ में कहा, ”हमारे कश्मीरी भाइयों बहनों ने दशकों तक परेशानियां झेली हैं और हाल के समय में लिए गए एकपक्षीय कदमों के कारण समस्याएं और बढ़ गई हैं।”
तुर्क राष्ट्रपति ने कहा, ”आज कश्मीर का मुद्दा हमारे उतना ही करीब है जितना आपके (पाकिस्तान के)।” उन्होंने कहा, ”ऐसा समाधान सभी संबंधित पक्षों के हित में होगा। तुर्की कश्मीर मुद्दे के समाधान के लिए न्याय, शांति और संवाद के साथ खड़ा रहेगा।”