…तो क्या बिहार में भी बिना कांग्रेस के महागठबंधन लड़ेगा लोकसभा चुनाव !

img

New Delhi. बिहार महागठबंधन में सीट शेयरिंग का फैसला अब तक नहीं हो पाया है। हालांकि महागठबंधन नेताओं द्वारा लगातार कहा जा रहा था कि खरमास के बाद सीट शेयरिंग की घोषणा की जाएगी। लेकिन ऐसा अब तक नहीं हो पाया है। वहीं, तेजस्वी यादव ने इन दिनों महागठबंधन के अन्य दलों की परेशानी बढ़ा दी है। जिसमें कांग्रेस को भी बड़ी दुविधा लग रही है।

दरअसल, आरजेडी नेता तजेस्वी यादव जब से लखनऊ से अखिलेश यादव और मायावती से मिलकर आए हैं। तब से ऐसा माना जा रहा है कि बिहार में महागठबंधन के दलों में परेशानी बढ़ गई है। क्यों कि एक ओर सभी दलों ने सपा-बसपा गठबंधन में कांग्रेस को शामिल नहीं करने को लेकर आलोचना कर रहे थे। वहीं, तेजस्वी यादव ने इसे सही मानते हुए दोनों दलों के प्रमुख से मुलाकात की और उन्हें धन्यवाद भी दिया।

तेजस्वी यादव ने मायावती का आर्शीवाद भी लिया है। जिसके बाद माना जा रहा है कि तजेस्वी यादव राहुल गांधी को पीएम के रूप में नहीं देखना चाहते हैं। हालांकि माना जा रहा था कि सपा-बसपा से मुलाकात कर कांग्रेस को शामिल करने की वकालत करेंगे, लेकिन कहा जा रहा है कि ऐसी कोई बात नहीं की गई। वहीं, मीडिया में भी उन्होंने कहा कि सपा-बसपा का गठबंधन पिता लालू यादव का सपना था, जो साकार हुआ है।

वहीं, तेजस्वी यादव ने पहले ही कहा था कि यूपी में बीजेपी को हराने के लिए सपा-बसपा ही काफी है। कांग्रेस के नहीं होने से गठबंधन कमजोर नहीं होगा। अब ऐसा माना जा रहा है कि यूपी और बिहार में अगर कांग्रेस के बिना अगर बाकी दलों की मेजोरिटी आती है तो ऐसे में राहुल गांधी के अलावा भी विकल्प सोचा जा सकता है।

तेजस्वी यादव के इस स्टैंड से कांग्रेस में जहां बड़ी दुविधा हो रही है। वहीं, बाकी दलों को भी शायद समझ नहीं आ रहा है कि महागठबंधन में उनका क्या होगा। हम पार्टी के अध्यक्ष जीतनराम मांझी ने भी यूपी में कांग्रेस को गठबंधन में शामिल नहीं करने को लेकर आलोचना की थी। साथ ही वह राहुल गांधी को पीएम के तौर पर भी बता रहे थे। लेकिन आरजेडी की ओर से राहुल गांधी को पीएम के तौर पर नहीं माना जा रहा है।

तेजस्वी यादव से कई बार इस बारे में पूछा भी गया है कि क्या वह राहुल गांधी को पीएम के तौर पर देखते हैं, लेकिन उन्होंने कभी भी इस बारे में नहीं कहा है कि लोकसभा चुनाव में अगर महागठबंधन की जीत होगी तो राहुल गांधी पीएम बनेंगे। वहीं, अब उन्होंने मायावती से हाथ मिला लिया है। ऐसे में पीएम के दौर में शामिल मायावती का पक्ष आरजेडी की वजह से मजबूत हो सकता है। ऐसे में कांग्रेस के लिए यह परेशानी का सबब बना हुआ है।

कांग्रेस की ओर से बिहार में महागठबंधन बनाने और सीट शेयरिंग का फॉर्मूला दिया गया है। जिसमें सीट का बंटवारा कांग्रेस और आरजेडी के बीच होने के बारे में कहा गया है। जिसमें बाकी दलों को कांग्रेस और आरजेडी सीट बांटेगी। हालांकि इस फॉर्मूले पर आरजेडी और अन्य दल मुहर लगाएंगे की नहीं यह साफ नहीं है।

Related News