अदालत में महिला ने कहा- दुष्कर्म के बाद थककर सो गई थी, अपराधी को…

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नई दिल्ली॥ बीते दिनों जुर्मा का जो मामला सामने आया है वह आपको चौंका देगा। इस मामले में दुष्कर्म के एक आरोपी को अग्रिम जमानत देते हुए कर्नाटक हाई कोर्ट ने पीड़िता के मामले की वास्तविकता पर संदेह जताया।

इस घटना में कोर्ट ने कहा कि कोई भारतीय महिला शायद ही ऐसा कहे कि वारदात के बाद वह थककर सो गई। जी दरअसल इस मामले में अदालत ने पाया कि मामले की हालातों को देखते हुए अभी उसके लिए ये यकीन करना कठिन हो रहा है कि शादी का झूठा वादा करके शिकायतकर्ता के साथ दुष्कर्म किया गया।

आप सभी को बता दें कि कोर्ट ने इस बात का भी संज्ञान लिया कि शिकायतकर्ता आरोपी के यहां दो साल से उसकी कर्मचारी थी। इस मामले में बात करते हुए जज कृष्णा एस दीक्षित ने कहा कि शिकायकर्ता ने ऐसा कुछ जिक्र नहीं किया कि वह रात ग्यारह बजे कार्यालय क्यों गई, उसने याचिकाकर्ता के साथ शराब पीने पर ऐतराज क्यों नहीं किया और उसने उसे सुबह तक अपने साथ क्यों रुकने दिया।’

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इसके अलावा जज दीक्षित ने कहा कि पीड़िता का ये कथन कि इस कृत्य के बाद वह थककर सो गयी, किसी भी भारतीय महिला के लिए अनपयुक्त है। दरअसल कोर्ट ने कहा कि जब हमारी महिलाओं के साथ जोर जबर्दस्ती की जाती है, तब उनकी ऐसी प्रतिक्रिया नहीं होती है।

इसके अलावा कोर्ट ने कहा कि ‘याचिकाकर्ता के विरूद्ध बलात्कार, धोखाधड़ी और धमकी देने के आरोप वाकई गंभीर है लेकिन अकेली गम्भीरता किसी नागरिक को स्वतंत्रता से वंचित करने का आधार नहीं हो सकती है जब पुलिस की तरफ से कोई प्रथमदृष्टया मामला ही नहीं है।’

इसी के साथ ही कोर्ट ने पीड़िता के इस कथित पत्र का भी संज्ञान लिया कि यदि समझौता हो जाता है तो वह अपनी शिकायत वापस ले लेगी। मामले के बारे में अदालत ने कहा कि पीड़िता ने इस बारे में कुछ नहीं कहा कि जब पीड़िता उसे यौन नजदीकियों के लिए बाध्य कर रहा था कि तब उसने यथाशीघ्र अदालत से संपर्क क्यों नहीं किया। अब इस मामले में कोर्ट ने कुछ शर्तों के साथ शख्स को जमानत दे दी।

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