नई दिल्ली, 24 मार्च। लोकसभा में बताया गया भारत के पास महिला सशक्तिकरण के मामले में एक अनूठी उपलब्धि है। संसद में केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि भारत में महिला पायलट की संख्या (Woman Pilots in India) कुल संख्या के करीब 15 प्रतिशत से अधिक हैं। उन्होंने संसद में कहा कि दुनिया के अन्य सभी देशों में केवल पांच प्रतिशत पायलट महिलाएं हैं।
बता दें कि हाल ही में सिंधिया के विभाग पर विपक्ष ने सवाल उठाया था कि एयर इंडिया के निजीकरण के बाद नागरिक उड्डयन मंत्रालय की क्या जरूरत है। दरअसल, तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा ने हाल ही में संसद में कहा था कि भारत और बांग्लादेश के अलावा दुनिया के किसी भी देश में नागरिक उड्डयन के लिए अलग और स्वतंत्र मंत्रालय नहीं है। वहीँ महिला सशक्तिकरण पर भी सवाल उठाया गया था, जिसके जवाब में सिंधिया ने भारत की महिला पायलट (Woman Pilots in India) की संख्या सामने रखी.
इस दौरान उन्होंने कहा था कि एयर इंडिया ने 2014 से नागरिक उड्डयन मंत्रालय के बजट का 60 से 95 प्रतिशत हिस्सा बनाया है। संसद में उन्होंने मांग की थी कि 1240 करोड़ रुपए के मामूली बजट’ वाले मंत्रालय को ‘परिवहन के लिए समग्र मंत्रालय’ बनाने के लिए विलय किया जाए।
इन सवालों का जवाब देते हुए सिंधिया ने कहा कि नागरिक उड्डयन भारत की अर्थव्यवस्था का एक प्रमुख तत्व बन गया है। पहले केवल बड़े शहरों में हवाई अड्डे थे, आज यह पूरी तरह से बदल गया है। पिछले 20 से 25 वर्षों में विमानन उद्योग में बड़े बदलाव हुए हैं। इस उद्योग में उत्पन्न रोजगार की संख्या बड़े पैमाने पर है।
इसके अलावा सिंधिया ने देश के कुछ हवाई अड्डों को बेचने या उनका विनिवेश करने के विपक्षी दलों के आरोपों को सिरे से खारिज किया और कहा कि 6 हवाई अड्डों को पट्टे की व्यवस्था के आधार पर निजी क्षेत्र को दिया गया है जिससे सरकार को 64 प्रतिशत अधिक राशि प्राप्त होगी और इसका उपयोग राज्यों में हवाई अड्डों के विकास पर किया जाएगा।