नई दिल्ली॥ कोरोना महामारी ने देश के सामाजिक, सांस्कृतिक, धार्मिक, राजनीतिक, आर्थिक समेत हर प्रकार की गातिविधियों पर व्यापक असर डाला है। आर्थिक गतिविधियां ठप होने से लोगों के समक्ष रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया। अनलॉक-1 एवं 2 के बाद व्यापार और दुकानें खुली भी हैं तो उनमें पहले जैसी रौनक नहीं दिखाई पड़ी रही है।
आम जनमानस घरों से निकलने से परहेज कर रहा है। वहीं कुछ लोग ऐसे भी हैं जो इस कोरोना संकटकाल को अवसर के रूप में ले रहे हैं और लगातार बेरोजगारों को रोजगार मुहैया करने में जुटे हुए हैं। ऐसा ही उदाहरण दिल्ली में रोहिणी विधानसभा क्षेत्र के सम्पूर्णा नामक एनजीओ ने पेश किया है।
सम्पूर्णा एनजीओ से जुड़ी महिलाएं कोरोना से लोगों को बचाने के लिए कपड़े के मास्क बनाकर बेच रही हैं। अब धीरे-धीरे लोगों के बीच सम्पूर्णा एनजीओ के मास्क की मांग बाजार में ज्यादा होने लगी है। बाजार में मास्क की मांग ज्यादा होने से सम्पूर्णा एनजीओ की महिलाएं भारी मात्रा में मास्क का उत्पादन करने में लगी हुई हैं। इसकी वजह से अब उनको रोजागार भी मिल रहा है। यह मास्क काफी सस्ता और टिकाऊ है। इसे बार-बार धोकर पहना जा सकता है।
रोहिणी के भाजपा विधायक विजेंद्र गुप्ता ने गुरुवार को ट्वीट कर सम्पूर्णा एनजीओ से बने कपड़े की मास्क की तारीफ की।उन्होंने लिखा कि जब से कोविड से बचाव के लिए एन-95 मास्क खरे नहीं पाये गये तब से कपड़े के मास्क का महत्व अधिक बढ़ गया है। ऐसे में सम्पूर्णा के बने मास्क दिल्लीवासियों से लिए राहत प्रदान करने में एक सजग भूमिका निभा रहे हैं और लोगों को इस महामारी से सुरक्षा प्रदान कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि ‘सम्पूर्णा’ के मास्क काटन लाइकरा से बने हैं जिन्हें पहनने से श्वास लेने में दिक्कत नहीं आती। वहीं गरीब महिलाओं को रोजगार भी मिल रहा है। ‘एक पंथ दो काज’।
रोहिणी क्षेत्र के आकाश कुंज सेक्टर-9 के निवासी राजेश भूटानी ने कहा कि सम्पूर्णा एनजीओ की महिलाएं मास्क बनाकर बहुत अच्छा काम कर रही हैं। यह लोग गरीब महिलाओं को रोजगार उपलब्ध करवा रहे हैं। यह सेवा का सर्वश्रेष्ठ उदाहरण है। मास्क की क्वालिटी भी बहुत अच्छी है।