करवा चौथ का व्रत सुहागिन महिलाएं अपने सुहाग के सलामत रहने की कामना से करती हैं। इस बार यह व्रत १७ अक्टूबर को पड़ रहा है। व्रत को कुछ दिन ही शेष हैं। एेसे में महिलाएं बाजार में पहुंचकर खरीदारी में व्यस्त हैं। अखंड सुहाग की कामना के व्रत में महिलाएं सज-संवरकर १६ शृंगार कर चांद की पूजा करती हैं।
इस वजह से महिलाएं खुद के लिए शृंगार की सामग्री खरीद रही हैं जिसके कारण बाजार में रौनक है। करवा चौथ का दिन महिलाओं के लिए बहुत खास होता है। वे इस दिन सुबह से रात तक निर्जला कठोर व्रत कर अपने सुहाग के लंबी उम्र की कामना करती हैं।
समय के साथ टीवी व फिल्मों के कारण इसमें बहुत से बदलाव देखने को मिलते हैं जिसे महिलाएं अपनाकर इस व्रत में भी आनंद का अनुभव करती हैं। पूजन सामग्री से लेकर सजने संवरने की सामग्री तक डिजाइनर व स्टाइलिश ही पसंद कर रहे हैं ताकि व्रत में पूजन के दौरान खास व अलग नजर आए जिसके लिए महिलाएं अपनी पसंदीदा रंग की साड़ी व डिजाइनर ड्रेस ले रहे हैं तो वहीं पूजन के लिए शृंगार की सभी सामग्री खरीदी जा रही है।
महिलाएं पारंपरिक रूप से इस व्रत में सज-संवरकर पूजन करती हैं। इस वजह से परंपरा के मुताबिक सुहाग का प्रतीक लाल रंग को माना गया है। एेसे में साड़ी में लाल रंग की डिमांड अधिक है। बनारसी सिल्क, चेन्नई सिल्क, प्योर सिल्क के अलावा डिजाइनर हाफ-हाफ व प्रिंटेड साड़ी भी लाल रंग या उससे मिलता जुलता कोई दूसरा रंग पसंद कर रही हैं।
पूजा में डिजाइनर पूजा की थाल को काफी पसंद किया जाता है। इस वजह से डिजाइनर पूजा की थाल के अलावा छलनी भी डिजाइनर व मिट्टी का करवा भी डिजाइनर ही पसंद किया जा रहा है।
करवा चौथ में महिलाएं सजने संवरने के लिए पार्लरों में बुकिंग करा रही हैं। वहीं मेहंदी लगाने के लिए भी मेहंदी वालों से अपाइंटमेंट ले रही हैं।